प्यारे मियां यौन शोषण मामला : कहां है जिम्मेदार? प्रदेश को कितना शर्मसार करेंगे? CBI जांच हो – कमलनाथ
भोपाल से खाईद जौहर की रिपोर्ट – प्यारे मियां यौन शोषण मामले में एक नाबालिग की बुधवार रात इलाज के दौरान मौत हो गई। इसके बाद गुरुवार को उसका भदभदा विश्राम घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान पुलिस व प्रशासन ने शिकार नाबालिग बेटी और उसके परिवार के साथ वैसी ही बेरहमी की जो पिछले साल उत्तर प्रदेश में हुए हाथरस दुष्कर्म कांड की पीड़िता के साथ की गई थी।
ये मामला प्रदेश में तूल पकड़ा हुआ हैं। विपक्ष लगातार इस मामले को लेकर शिवराज सरकार को घेरी हुई हैं।
नाबालिग बच्ची की मौत पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने CBI जांच की मांग की हैं। उन्होंने कहा शिवराज सरकार क्राइम में नंबर 1 हैं। जब से शिवराज सरकार आई है तब से अपराध बढ़े हैं। बता दे कि बच्ची के परिजन शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री से मिलने उनके घर पहुंचे।
इस से पहले पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने घटना को बेहद निंदनीय व शर्मनाक बताया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा है कि प्रदेश की राजधानी में यौन शोषण की शिकार मासूम बच्चियां बालिका गृह में भी सुरक्षित नहीं हैं। पीड़िता और उसके परिवार के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया गया। कहां है जिम्मेदार ? प्रदेश को कितना शर्मसार करेंगे?
क्या है पूरा मामला
प्यारे मियां यौन शोषण मामले में मृतक नाबालिग बच्ची बालिका गृह में रह रही थी। पुलिस के मुताबिक, उसने कुछ दिनों पहले नींद की गोलियां खा ली थीं। इसके बाद उसे संदिग्ध परिस्थितियों में हमीदिया अस्पताल में भर्ती किया गया और वेंटिलेटर पर रखा गया था, जहां बुधवार रात उनकी मौत हो गई।
नाबालिग की मौत के बाद पुलिस की निगरानी में उसका भदभदा विश्राम घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। इस केस में गौर करने वाली ये है कि नाबालिग इस केस की न तो आरोपी थी और न ही अपराधी। वह केवल फरियादी थी। पुलिस नाबालिग के शव को हमीदिया अस्पताल से सीधे श्मशान ले गई, जबकि मर्चुरी में पीड़िता के चाचा और पिता ने शव घर ले जाने की जिद की। लेकिन, पुलिस नहीं मानी।
इधर, मामले को लेकर कलेक्टर अविनाश लवानिया ने न्यायायिक जांच के आदेश दे दिए थे। पूरे मामले में कमला नगर थाना पुलिस ने जांच शुरू कर दी थी। जांच के बाद बालिका गृह संरक्षण की अधीक्षिका एंटोनिया कुजूर इक्का को हटा दिया गया और नई अधीक्षिका योगिता मुकाती को नियुक्त किया गया हैं।