नई दिल्ली – नए कृषि कानूनों के खिलाफ चार राज्यों (पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और यूपी) के किसान पिछले छे दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर जमे हुए हैं। इसके साथ ही अब पंजाब और हरियाणा से और किसान दिल्ली आने की तैयारी कर रहे हैं। पंजाब और हरियाणा की पंचायतों की अपील पर सैकड़ों किसान लोगों से राशन, दवाइयां और जरूरत के अन्य सामान इकट्ठा कर रहे हैं। इन सामानों को ट्रैक्टरों पर लादा जा रहा है जो बुधवार से दिल्ली के लिए रवाना होने शुरू होंगे। दरअसल, पंचायतों ने अपील की है कि किसानों के हर एक परिवार से कम से कम एक सदस्य दिल्ली भेजा जाए ताकि प्रदर्शनकारी किसानों का हौसला बढ़ाया जा सके।
इधर, किसानों के विरोध प्रदर्शन पर केंद्र सरकार एक्टिव हो गई हैं। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में किसान नेताओं के साथ बैठक बुलाई। ये बैठक दोपहर 3 बजे से शाम 7 बजे तक चली। जो बेनतीजा रही।
सरकार ने किसानों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे अपनी मांगों पर अड़े रहे। सरकार के साथ बातचीत का हिस्सा रहे किसान नेता चंदा सिंह ने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ हमारा आंदोलन जारी रहेगा। हम सरकार से कुछ तो जरूर वापस लेंगे, चाहे वो बुलेट हो या शांतिपूर्ण समाधान। उन्होंने कहा कि हम बातचीत के लिए फिर आएंगे। अब सरकार और किसानों के बीच अगली बैठक 3 दिसंबर को होगी।
बता दे कि इस से पहले भी किसानों ने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि कृषि क़ानून नहीं बदला तो सरकार का तख़्ता पलट देंगे। किसानों ला कहना है कि सरकार जबतक हमारी बात नहीं सुनते तब तक आंदोलन चलेगा। सरकार नहीं मानी तो और कड़ा कदम उठाएंगे। सरकार को हमारी बात माननी ही पड़ेगी। यह एतिहासिक लड़ाई हैं। हम लंबी लड़ाई के लिए आए हैं।