मध्यप्रदेश /जबलपुर (Jabalpur)। -:कोविड-19 (COvid) वायरस से लड़ाई लड़ रहे पुलिस विभाग के जवान खुद का जीवन खतरे में डालकर जनता की सुरक्षा में जुटे हैं। इसके बाद भी पड़ोसी जिले में पदस्थ पुलिस विभाग के एक जवान को कोविड-19 वायरस के संक्रमण का ऐसा सदमा लगा कि वह ड्यूटी छोड़कर जबलपुर (Jabalpur) में स्थित अपने घर चला आया और घर से बाहर निकलने के लिए तैयार नहीं है।
अब तरह-तरह की आशंका के दौर से गुजर रहे हैं, पुलिसकर्मी चिकित्सकीय परामर्श या अस्पताल जानेको तैयार ही नही है न ही किसी मानसिक रोग चिकित्सक के पास। पुलिस का यह जवान कोविड-19 वायरस से संक्रमित नहीं है,परन्तु बीमारी के बारे में उसने इतनी जानकारी हासिल कर ली कि अब स्वयं वायरस से डरने लगा है।पुलिसकर्मी को विक्टोरिया अस्पताल जाकर मानसिक रोग विशेषज्ञ से परामर्श लेने की सलाह दी पर पुलिस का जवान वायरस से इस कदर डरा है कि वह कहता है कि घर के बाहर निकलने पर कोरोना हो जाएगा जिससे मौत हो सकती है। पुलिस विभाग का यह जवान जबलपुर का निवासी है तथा एक पड़ोसी जिले में पदस्थ है। लॉकडाउन के कारण लोगों का ज्यादा समय घर के भीतर बीत रहा है। समाचार के सभी माध्यम कोविड-19 की खबरों से भरे पड़े हैं। इस बीमारी को लेकर पल-पल जारी खबरों ने आम नागरिकों को जितना जागरूक किया है, वे उतने ही भय होने लगे हैं। मानसिक रोग विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना को लेकर भय और जानकारी में बैठाकर इस बीमारी की चिंता के कारण होने वाले अपवाद से बचा जा सकता है। सर्दी जुकाम भी बढ़ा रहा चिंता
विक्टोरिया अस्पताल के मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. रत्नेश कुररिया का कहना है कि साधारण सर्दी जुकाम भी लोगों में वायरस की चिंता बढ़ा रहा है। जबकि मौसम में बदलाव के समय साल भर में 3-4 बार लोग इस तरह की समस्या का सामना करते हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना को लेकर स्थिति यह होती जा रही है कि लोग पूछते हैं कि घर से 200 मीटर दूर होम क्वारंटाइन में रखे गए संदिग्ध मरीज से हम लोगों को कोरोना तो नहीं हो जाएगा।
जेब खाली, नौकरी जाने का डर
मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. रत्नेश कुररिया का कहना है कि लंबे समय से चल रहे लॉकडाउन के कारण लोग घरों में रहने से उनकी जेब खाली हो रही है। कई लोग नौकरी जाने की चिंता में हैं। कोरोना के कारण इस तरह के हालात भी मानसिक रोग को बढ़ावा दे सकते हैं।