राज्यों सेलोकप्रिय खबरें

OBC वर्ग की जीत हुई, शिवराज सरकार को झुकने पर किया मजबूर : कमलनाथ

भोपाल : हालही में मध्यप्रदेश में पंचायत और नगरीय निकाय 2022 में ओबीसी आरक्षण को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद ये तय हो गया है कि चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ होंगे।
सुप्रीम कोर्ट के इस फ़ैसले के बाद एक बार फिर प्रदेश में सियासत का शुरू हो गया है। दोनों ही प्रमुख दल (भाजपा और कांग्रेस) एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहीं है।
इसी बीच मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का बड़ा बयान सामने आया है। कमलनाथ ने इस मामलें पर एक के बाद एक ट्वीट करते हुए बड़ी बातें कही है।
कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए लिखा की – हम पहले दिन से ही कह रहे थे कि मध्यप्रदेश में बगैर ओबीसी आरक्षण के पंचायत व नगरीय निकाय के चुनाव नहीं होना चाहिये, सरकार इसको लेकर सभी आवश्यक कदम उठाये। हमने ओबीसी आरक्षण को लेकर सदन में भी लड़ाई लड़ी थी और उसके बाद सदन में सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव भी पारित हुआ था कि मध्यप्रदेश में ओबीसी आरक्षण के बगैर पंचायत व नगरीय निकाय चुनाव नहीं होना चाहिये। ओबीसी वर्ग से उनका जो हक छिना गया था, उसकी दोषी शिवराज सरकार थी।
उन्होंने लिखा की – यदि सरकार सुप्रीम कोर्ट के निर्णय अनुसार समय पर ट्रिपल टेस्ट की सम्पूर्ण प्रक्रियाओं का पालन कर देती, आधी-अधूरी रिपोर्ट कोर्ट में पेश नहीं करती तो यह अप्रिय स्थिति कभी भी नहीं बनती लेकिन शिवराज सरकार ओबीसी वर्ग का हक छीन जाने के बाद नींद से जागी।
कमलनाथ ने आगे लिखा की – आज सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश में ओबीसी आरक्षण के मामले में राहत प्रदान करने का निर्णय दिया है, उसका हम स्वागत करते हैं लेकिन हमारी सरकार द्वारा 14% से बढ़ाकर 27% किये गए ओबीसी आरक्षण का पूरा लाभ ओबीसी वर्ग को अभी भी नहीं मिलेगा क्योंकि निर्णय में यह उल्लेखित है कि आरक्षण 50% से अधिक नहीं होना चाहिए।
 
हमे ओबीसी वर्ग का भला करने की कोई उम्मीद शिवराज सरकार से नही थी इसलिए हमने तो पहले से ही यह निर्णय ले लिया है कि हम निकाय चुनाव में 27% टिकट ओबीसी वर्ग को देंगे और इस वर्ग को उनका पूरा अधिकार देंगे।
वो यही नहीं रुके उन्होंने आगे लिखा की – हम अपना वादा हर हाल में निभाएंगे, हमारा तो दृढ़ संकल्प है कि ओबीसी वर्ग को 27% आरक्षण का हक़ व अधिकार मिले, उसको हम हर हाल में पूरा करेंगे। यह निर्णय कांग्रेस के संघर्ष की व ओबीसी वर्ग की जीत है, जिसने ओबीसी विरोधी शिवराज सरकार को झुकने पर मजबूर किया।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए है कि मध्यप्रदेश में चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए है कि ओबीसी आरक्षण स्वीकार है। 2022 के परिसीमन पर चुनाव हो। 1 हफ्ते के भीतर हो ओबीसी आरक्षण। वहीं, सुप्रीम कोर्ट के इस फ़ैसले को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की बड़ी जीत माना जा रहा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Back to top button