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अब उमा भारती ने उठाई "हलाली डैम" का नाम बदलने की मांग, लिखा भाजपा MLA को पत्र, कहा विश्वासघात की कहानी….. 

मधयपदेश/भोपाल – इन दिनों में मध्यप्रदेश में नाम बदलने की सियासत मध्यप्रदेश विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर और बीजेपी के विधायक रामेश्वर शर्मा ने शुरू की थी। रामेश्वर शर्मा ने राजधानी भोपाल में ईदगाह हिल्स का नाम बदलकर गुरुनानक टेकरी करने की मांग उठाई थी। इसके लिए वह लगातार एक मुहिम भी चला रहे हैं। 

हालांकि, नाम बदलने की सियासत पहली बार नहीं हो रही हैं। इससे पहले भी मध्यप्रदेश में भोपाल और इंदौर का नाम बदलने को लेकर सियासत हो चुकी हैं। क्योंकि भोपाल का नाम पहले भोजपाल किए जाने को लेकर महापौर आलोक शर्मा नगर निगम में प्रस्ताव आया था। जिसे अनुमति नहीं मिल सकी। वहीं, इंदौर शहर का नाम इंदूर किए जाने को लेकर नगर निगम परिषद में प्रस्ताव भेजा गया था, जिसपर सहमति नहीं बनी। लेकिन दोनों पर सियासत जरूर हो चुकी है। 

इसी बीच अब इस सियासत में पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा की फायर ब्रांड नेत्री उमा भारती का नाम भी शामिल हो गया हैं। उन्होंने राजधानी भोपाल के नजदीक बैरसिया में स्थित हलाली डैम का नाम बदलने की मांग उठाई हैं। इस सिलसिले में उमा भारती ने बैरसिया के बीजेपी विधायक विष्णु खत्री को एक चिट्ठी भी लिखी हैं। 

इधर, उमा भारती की मांग पर बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने आ गए हैं। कांग्रेस ने नाम बदलने की इस मांग को लेकर कहा बीजेपी के नेता जनता के मुद्दों को उठाने के बजाए इस तरह के मुद्दों को हवा देकर अपनी राजनीति चमका रहे हैं। जबकि बीजेपी का कहना है अगर किसी जगह का नाम किसी गलत वजह से पड़ा है या उससे किसी ऐसे अतीत की याद आती है जो घृणा पैदा करता है तो फिर उसका नाम बदलने में आपत्ति नहीं होनी चाहिए। 

क्या लिखा खत में 

उमा भारती ने विधायक को पत्र में लिखा है कि ‘आपके विधानसभा क्षेत्र से बैरसिया में एक चर्चित स्थल ‘हलाली डैम’ (Halali dam) का नाम बार-बार आता है, जबकि मेरी जानकारी के अनुसार उसका नाम बदल चुका है। भोपाल शहर के बाहर प्रचलिता हलाली नाम का स्थान एवं नदी विश्वासघात की कहानी की याद दिलाती हैं। जिसमें दोस्त मोहम्मद खां ने भोपाल के आसपास के अपने मित्र राजाओं को बुलाकर उन्हें धोखा देकर उनका सामूहिक क़त्ल (किया था तथा उनके क़त्ल से नदी लाल हो गई थी।

विश्वासघात, धोखाधड़ी, अमानवीयता यह सब एक साथ हलाली शब्द के साथ आते हैं, तो हलाली का इतिहास जानने वालों के अंदर घृणा का संचार होता हैं।  मैंने सुना है कि उसको एक पर्यटन केंद्र बनाया जा रहा है क्योंकि वहां डैम है, नदी हैं। यह एक बहुत अच्छी बात हैं। किंतु आप तुरंत संस्कृति एवं पर्यटन विभाग से संपर्क करके घृणा पैदा करने वाले इस नाम का उल्लेख बंद करवा दीजिए। आप इस संबंध में पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर से मिलकर भी बात कर सकते हैं। मैं भी इस पत्र की एक कॉपी उनको भेज दूंगी। 

हालांकि प्रदेश की पर्यटन और संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने कह दिया कि प्रमाण और तथ्यों के आधार पर ही ऐतिहासिक धरोहरों के नाम बदले जाएंगे। जबकि 
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के हलाली डैम का नाम बदले जाने के पत्र पर उन्होंने कहा कि उमा भारती के पत्र पर विभाग फैसला लेगा। 

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