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पेट्रोल-डीज़ल को GST के दायरे में लाने की कोई योजना नहीं : राज्य मंत्री रामेश्वर तेली

नई दिल्ली : देशभर में पेट्रोल डीज़ल की कीमतें आसमान को छू रहीं हैं। कई राज्यों में पेट्रोल 100 के पार निकल गया है तो वहीं डीज़ल भी 100 के करीब करीब जा पंहुचा हैं। लगातार बढ़ रहे इन कीमतों को लेकर इसे जीएसटी यानी गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स एक्ट (Petrol-Diesel under GST) के तहत लाने की मांग हो रही हैं। 

बता दे कि अगर पेट्रोल-डीज़ल को GST के दायरे में लाया जाता है तो इसका खुदरा भाव इस समय भी कम होकर 75 रुपये प्रति लीटर तक आ सकता है और डीजल का दाम भी कम होकर 68 रुपये लीटर पर आ सकता हैं। ऐसा होने से केन्द्र और राज्य सरकारों को केवल एक लाख करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होगा जो कि जीडीपी का 0.4 प्रतिशत हैं।

वहीं, बहस इसलिए भी है क्योंकि जब जीएसटी लागू किया जा रहा था, तो तेल और गैस को भी इसके दायरे में लाए जाने की बात की गई थी। 

इधर, लोकसभा में सदस्यों ने पूछा की, ‘क्या डीजल, पेट्रोल की कीमतों पर नियंत्रण के लिये पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लाने की योजना है? जिस पर पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने जवाब दिया, ‘वर्तमान में इन उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने की कोई योजना नहीं हैं। अभी तक जीएसटी परिषद ने तेल और गैस को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में शामिल करने की सिफारिश नहीं की हैं। 

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