बिजली विभाग का नया आदेश, विभाग का कोई भी कर्मचारी नहीं छोड़ेगा जिला मुख्यालय

भोपाल/अंजली कुशवाह: मध्यप्रदेश में बिजली संकट लगातार गहराता जा रहा हैं. बिजली संकट के चलते मध्यप्रदेश में राजनीती भी ज़ोर पकड़ चुकी हैं. जिसमें भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने हैं. इसी बीच मध्यप्रदेश MKVVCL ने बिजली विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को लेकर नया आदेश जारी किया हैं. इस आदेश के अंतर्गत बिजली विभाग का कोई भी कर्मचारी जिला मुख्यालय नहीं छोड़ सकता. इसके अलावा कोई भी कर्मचारी ड्यूटी पर रहे या छुट्टी पर रहे, दोनों परिस्तिथियों में उन्हें अपना मोबाइल 24 घंटे चालू ही रखना होगा.

नियमों का पालन न करने पर कार्यवाही

बिजली विभाग के नए आदेशानुसार, बिजली विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों को आदेश का पालन करना अनिवार्य रहेगा. यदि विभाग का कोई भी अधिकारी/कर्मचारी इन नियमों का पालन नहीं करता हैं तो उन पर कंपनी द्वारा अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायेगी।

बिजली कटौती से परेशान आमजन

मध्य प्रदेश में लगातार हो रही अघोषित बिजली कटौती ने सभी को परेशान कर दिया है. किल्लत इतनी बढ़ गयी है कि अब विपक्ष के साथ-साथ बीजेपी के नेता भी सरकार पर सवाल खड़े कर रहे हैं. कुछ इलाकों में तो 12 से 15 घंटे तक बत्ती गुल रहती है. बता दें की बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने सीएम को पत्र लिखकर शिकायत की थी कि उनके इलाके में 12 से 15 घंटे तक अघोषित बिजली कटौती हो रही है. वहीं टीकमगढ़ से बीजेपी विधायक राकेश गिरी गोस्वामी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को टीकमगढ़ और निवाड़ी में बिजली की अघोषित कटौती बंद करने के लिए पत्र लिखा था.

ग़ौरतलब हैं कि इससे पहले कांग्रेस द्वारा भाजपा सरकार पर मध्यप्रदेश के कई जिलों में हो रही बिजली की परेशानी को लेकर कई सवाल खड़े कर रखे हैं.

बिजली संकट को लेकर कमलनाथ ने भी शिवराज को घेरा 

पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के पीसीसी चीफ कमलनाथ ने भी भाजपा सरकार पर हमला करते हुए कहा था कि- हमारी सरकार के समय हमने प्रदेश में कभी बिजली संकट की स्थिति सामने नहीं आने दी और सस्ती दर पर उपभोक्ताओं को बिजली भी उपलब्ध कराई है . लेकिन आज शिवराज सरकार में जनता बिजली संकट और मनमाने बिजली बिलों से भारी परेशान है. मैं सरकार से मांग करता हूं कि प्रदेश की जनता को इस बिजली संकट और मनमाने बिजली बिलों से मुक्ति दिलाए. अन्यथा कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी. इस मुद्दे पर हम प्रदेश व्यापी आंदोलन के रूप में जनता के साथ उतरेंगे।

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