“राष्ट्रीय प्रेस दिवस”,जानिए प्रेस का इतिहास और महत्व
- राष्ट्रीय प्रेस दिवस पत्रकारों को सशक्त बनाने के मकसद
- प्रेस की स्वतंत्रता पर ध्यान आकर्षित करने का दिन
- जानें प्रेस का इतिहास
- पत्रकारिता का क्षेत्र तो बढ़ चुका है लेकिन उसकी गुणवत्ता में काफी हद तक कमी आ चुकी है इसलिए हर साल आज के दिन यानि की 16 नवंबर को राष्ट्रीय प्रेस दिवस मनाया जाता है जन-जन तक सूचनात्मक, शिक्षाप्रद और मनोरंजनात्मक संदेश पहुंचाने का एक महत्वपूर्ण जरिया है. इस बात से तो हर कोई वाकिफ है कि पत्रकारिता तथ्यों पर आधारित होती है, लेकिन तथ्यों को तोड़-मरोड़कर, बढ़ा-चढ़ाकर या उसे घटाकर, सनसनी बनाकर लोगों तक पहुंचाने की प्रवृत्ति आज पत्रकारिता में बहुत ज्यादा बढ़ने लगी है.प्रेस की स्वतंत्रता और जिम्मेदारियों की तरफ ध्यान आकर्षित करने के लिए ही हर साल 16 नवंबर को राष्ट्रीय प्रेस दिवस (National Press Day) मनाया जाता है.
वर्तमान में पत्रकारिता का क्षेत्र बहुत व्यापक हो चुका है. यह दिवस एक स्वतंत्र और जिम्मेदार प्रेस की मौजूदगी का प्रतीक है. विश्व में आज करीब 50 देशों में प्रेस परिषद या मीडिया परिषद मौजूद हैं.
राष्ट्रीय प्रेस दिवस का इतिहास
पहले प्रेस आयोग ने भारत में प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा और पत्रकारिता में उच्च आदर्श को बरकरार रखने के मकसद से एक प्रेस परिषद की कल्पना की थी. इसके बाद 4 जुलाई 1966 को भारत में प्रेस परिषद की स्थापना की गई, जिसमें 16 नवंबर 1966 से विधिवत रूप से अपना कार्य करना शुरू कर दिया. तब से हर साल 16 नवंबर को राष्ट्रीय प्रेस दिवस मनाया जा रहा है.