मध्यप्रदेश के वकील करेंगे Advocate Protection Act के लिए कमलनाथ सरकार के ख़िलाफ़ हड़ताल

जबलपुर। मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार ने प्रदेश के अधिवक्ताओं के लिए प्रोटेक्शन एक्ट (Advocate Protection Act) लागू करने का वादा किया था हालाँकि 12 सितम्बर की कैबिनेट बैठक में इसे मंजूरी नहीं दी गई, आरोप लगाते हुए वकीलों ने 23 सितंबर से हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। इसी के साथ वकील लंबित पड़े तक़रीबन 3 लाख मामलों के निपटारे के लिए जजों के रिक्त पदों को भरने की भी मांग कर रहे हैं।

मध्यप्रदेश स्टेट बार काउॅन्सिल का कहना- कमलनाथ ने वादा किया था 
प्रदेशभर के अधिवक्ता अब एडव्होकेट प्रोटेक्शन एक्ट(Advocate Protection Act)की मांग को लेकर सरकार से आर -पार की लड़ाई के लिए तैयार हो गए हैं. सालों से चली आ रही प्रोटेक्शन एक्ट समेत अन्य मांगों को लेकर 23 सितम्बर से प्रदेशभर के अधिवक्ता न्यायालीन कार्य से दूर रहेंगे। स्टेट बार काउॅन्सिल के आव्हान पर अधिवक्ताओं ने इस हड़ताल का ऐलान किया है। गौरतलब है कि 12 सितम्बर हो हुई प्रदेश कैबिनेट की बैठक के बाद अधिवक्ताओं का आक्रोश और बढ़ गया। ऐसा इसलिए क्योंकि पिछली दफा हड़ताल खत्म करने के लिए सरकार ने अधिवक्ताओं को आश्वास्त किया था कि अगली कैबिनेट मीटिंग मे एक्ट को मंजूरी दे दी जाएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
शिवराज सिंह ने भी आश्वासन ही दिया था,अब कमलनाथ भी उसी राह पर 
काउन्सिल के चेयरमैन शिवेन्द्र उपाध्याय के मुताबिक एडव्होकेट प्रोटेक्शन एक्ट की मांग के साथ मध्य प्रदेश में स्थाई चीफ जस्टिस की नियुक्ति और रिक्त पड़े न्यायाधीशों की संख्या को पूरा करने की भी मांग शामिल है। अधिवक्ताओं ने अपनी मांगों का एक पत्र राष्ट्रपति और चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया का भी भेजा है। गौरतलब है कि इसके पूर्व भी कई दफा एडव्होकेट प्रोटेक्शन एक्ट की मांग को लेकर अधिवक्ता हड़ताल कर चुके हैं, लेकिन हर बार उन्हें सरकार से सिर्फ आश्वासन ही मिला है। 

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