कांग्रेस में चल रही है पद पाने की जंग, सामने से नमस्कार और पीछे से कुर्सी खींचने की लड़ाई हो चुकी है शुरू : गोविंद सिहं राजपूत
भोपाल : कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष व पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने विधानसभा के सत्र में राज्यपाल मंगुभाई पटेल के अभिभाषण के बहिष्कार कर बुरी तरह से फंस गए है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने भी उनके ऐसा करने पर आपत्ति जताई। कमलनाथ ने कहा कि अभिभाषण का बहिष्कार पार्टी का फैसला नहीं है। कोई भी सदन हो, उसकी गरिमा बनी रहनी चाहिए।
वहीं, जीतू पटवारी विधानसभा सत्र के दूसरे दिन शामिल हुए। हालांकि, सदन स्थगित हो गया। मीडिया से बात करते हुए पटवारी ने कहा कल जो मैंने बात कही थी, वह सदन के बाहर की थी। आज मैं कहता हूं कि कमलनाथ जी मेरे नेता है। हम सब मिलकर भारतीय जनता पार्टी का चेहरा बेनकाब करेंगे। कमलनाथ जी के नेतृत्व में ही सरकार बनाएंगे।
जीतू पटवारी ने कहा कि मैं तो उनकी पैरों की धूल हूं। मैं मानता हूं कि कमलनाथ जी जैसे अनुभवी व्यक्ति जो कहते हैं, उसको सबको आत्मसात करना चाहिए। कमलनाथ जी ने जो कहा है उसका अक्षरश: पालन करूंगा।
इधर, कांग्रेस के इस झगड़े में अब BJP भी कूद गई है।
कांग्रेस छोड़ BJP में शामिल हुए सिंधिया के खास समर्थक और वर्तमान में परिवहन मंत्री गोविंद सिहं राजपूत ने कांग्रेस पर हमला बोला। उन्होंने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा की – इनकी गुटबाजी सड़क के बाद अब विधानसभा में देखने को मिल रही है। कांग्रेस में नेता प्रतिपक्ष, अध्यक्ष और अन्य पद पाने की जंग चल रही है। ये सब एक-दूसरे की अंदरुनी टांग खिंचाई हो रही है। इन्हें पद चाहिए है और पद मिल नहीं रहा है, तो सामने से नमस्कार और पीछे से कुर्सी खींचने की लड़ाई शुरू हो चुकी है। कांग्रेस की ये जंग और बढ़ेगी।
गौरतलब है कि जीतू पटवारी ने एक वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा था की : बेलगाम नौकरशाही! किसान भी हुआ शोषित! घर-घर पहुंची सस्ती शराब! सबसे ज्यादा गौहत्याएं मप्र में! जन-जन को बना दिया कर्जदार! शिवराज जी, जन/प्रदेशहित में मैं राज्यपाल के अभिभाषण का बहिष्कार कर रहा हूं! क्योंकि, चिर निंद्रा में सोई #भाजपा सरकार को जगाना जरूरी है।
उनके इस बयान के बाद से ही प्रदेश की सियासत गरमाई हुई है।