Madhya Pradesh Politics : मंत्री बनने से वंचित रहे नेताओं की अग्निपरीक्षा अब 24 सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव में होनी है।
भोपाल/भारती चनपुरिया – : ज्योतिरादित्य सिंधिया(Jyotiraditya Scindia) के साथ कांग्रेस(Congres) से बगावत कर भाजपा(BJP) में शामिल होने वाले 22 नेताओं में से 14 तो मंत्री बन गए, परन्तु 8 ऐसे हैं जिनकी विधायकी तो गई ही, और मंत्री पद भी नहीं मिला। अब उन पर उप चुनाव(By Election) जीतने की चुनौती अलग से आ गई है। अब विरोधी दल में आ जाने के कारण इनकी राह इतनी आसान भी नहीं है।
अब शिवराज सरकार में सिंधिया के जिन समर्थकों को मंत्री नहीं बनया , उनमें 2018 में कांग्रेस के टिकट पर अंबाह से चुनाव जीते कमलेश जाटव, अशोक नगर से जजपाल सिंह जज्जी, करेरा से जसवंत जाटव, ग्वालियर पूर्व से मुन्ना लाल गोयल, गोहद से रणवीर जाटव, भांडेर से रक्षा सरैनिया, मुरैना से रघुराज सिंह कंषाना और हाट पिपल्या से मनोज चौधरी हैं।
अब न असंतोष जता सकते और न ही खुलकर विद्रोह कर सकते – :
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा ने कहा कि इन लोगों ने कांग्रेस के साथ छल किया था और इन सभी के साथ भाजपा ने छल कर दिया। उप चुनाव में टिकट बचाए रखना तथा चुनाव जीतने के लिए ये लोग न तो विद्रोह की स्थिति में हैं और न ही असंतोष प्रकट कर सकते हैं।अब भाजपा के मुख्य प्रवक्ता दीपक विजयवर्गीय ने कहा कि मंत्री बनने के लिए एक निश्चित कोटा है, परन्तु भाजपा में सबका सम्मान बराबर का है।