MP : सरकार के खिलाफ अधिकारी-कर्मचारियों में आक्रोश, बड़े आंदोलन की तैयारी में, मांगें पूरी नहीं हुई तो जाएंगे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर
भोपाल/खाईद जौहर : केंद्र की मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों का 28 फीसदी डीए और डीआर में बढ़ोतरी की है और दिवाली से पहले 3 प्रतिशत और बढ़ाने की तैयारी में है। केंद्र के इस फैसले के बाद से ही मध्य प्रदेश समेत अन्य राज्यों में डीए की मांग उठने लगी है, कई राज्यों ने डीए बढ़ाने का ऐलान कर दिया है, लेकिन मध्य प्रदेश के कर्मचारियों को लेकर अबतक कोई फैसला नहीं लिया गया है, जिसके चलते कर्मचारियों में नाराजगी बढ़ती ही जा रही है।
इसी बीच MP के लाखों अधिकारी-कर्मचारी DA और प्रमोशन समेत 5 सूत्रीय मांगों को लेकर एक बार फिर से आंदोलन करने के लिए सड़कों पर उतरेंगे। दरअसल, 18 सितंबर को राजधानी में मोर्चा की बड़ी मीटिंग हुई थी। इसमें आंदोलन पर जाने का फैसला लिया गया था। इस संबंध में 20 सितंबर सोमवार को सरकार को हड़ताल पर जाने का नोटिस मोर्चा ने दे दिया गया।
इस तरह करेंगे प्रदर्शन
- 28 सितंबर को मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के नाम सभी एसडीएम और तहसीलदारों को ज्ञापन सौंपे जाएंगे।
- 8 अक्टूबर को सभी जिलों में कलेक्टरों को ज्ञापन दिए जाएंगे।
- 22 अक्टूबर को भोपाल में प्रदेश व्यापी धरना देंगे। साथ ही मुख्य सचिव के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा।
- 28 एवं 29 अक्टूबर को प्रदेश के सभी अधिकारी-कर्मचारी सामूहिक अवकाश लेंगे।
- 30 अक्टूबर तक मांगें पूरी नहीं हुई तो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे।
बताया जा रहा है कि मप्र अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के बैनर तले अधिकारी-कर्मचारी यह प्रदर्शन करेंगे। मोर्चा से 52 कर्मचारी संगठन भी जुड़े हैं।
ये है प्रमुख मांगे
- स्थायीकर्मी, आउटसोर्शिंग कर्मचारियों को नियमित किया जाए।
- प्रदेश के अधिकारी-कर्मचारियों और पेंशनरों को केंद्र के समान केंद्रीय तिथि से 16% प्रतिशत महंगाई भत्ता का भुगतान किया जाए।
- गृह भाड़ा भत्ता केंद्रीय कर्मचारियों की तरह मप्र के अधिकारी-कर्मचारियों को भी दिया जाए।
- अधिकारी-कर्मचारियों के प्रमोशन की प्रोसेस जल्द शुरू हो।
- 1 जुलाई 2020 एवं 1 जुलाई 2021 की वेतन वृद्धि में एरियर की राशि का भुगतान किया जाए।
- अधिकारी-कर्मचारियों के प्रमोशन की प्रोसेस जल्द शुरू हो।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में केंद्रीय कर्मचारियों के समान 28 फीसदी महंगाई भत्ते की मांग जोर पकड़ने लगी है। देरी के चलते राज्य के कर्मचारियों का आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है। जिसे लेकर मप्र अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने 18 सितंबर प्रदेश स्तरीय मीटिंग बुलाई थी। जिसमें 4 चरण में आंदोलन करने की रणनीति बनाई गई थी। सोमवार को सरकार को प्रदर्शन के संबंध में नोटिस दे दिया गया है। इससे पहले 8 सितंबर को भी मीटिंग रखी गई थी। जिसमें कई प्रदेश पदाधिकारी शामिल हुए थे।