मध्यप्रदेश/शहडोल – मध्यप्रदेश के शहडोल से एक बार फिर मानवता को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां बुधवार को एंबुलेंस में पहुंची एक प्रसूता डिंडोरी जिला अस्पताल के गेट पर एंबुलेंस में प्रसव पीड़ा में तड़पती रही। परिजनों ने कई बार डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों को बुलाया पर कोई नहीं आया। नतीजा एंबुलेंस में ही प्रसव हो गया और नवजात ने अस्पताल की चौखट पर दम तोड़ दिया।
खाल्हे भवरखेड़ी निवासी गणपतिया बाई के पति धर्म सिंह ने बताया कि कई बार अस्पताल के अंदर जाकर स्टॉप डॉक्टरों से मिन्नत की थी प्रसूता को देख लें, पर किसी ने उनकी फरियाद नहीं सुनी। फटकार लाकर बाहर कर दिया। एंबुलेंस में बच्चे का जन्म हुआ और वहां जिंदा ना रह सका।
इधर, सीएचएमओ डॉ आरके मेहरा ने कहा कि सीनियर केस में व्यस्त होने से स्टाफ को देरी हुई। वे खुद कलेक्टर के साथ मीटिंग में थे। जबकि स्वास्थ्य विभाग के डीपीएम विक्रम सिंह का कहना है बच्चे की मौत गर्भ में हो गई थी।
ये है पूरा मामला
बुधवार सुबह 11:30 बजे खाल्हे भवरखेड़ी निवासी गणपतिया बाई जननी वाहन से जिला अस्पताल पहुंची थी। जननी वाहन के स्टाफ ने अस्पताल में सूचना दी थी प्रसूता अस्पताल के गेट पर है जल्द उसे अटेंड करें ताकि उसकी और बच्चे की जान बचाई जा सके। इसके बावजूद स्टाफ बाहर नहीं आया। इधर, जननी वाहन (एंबुलेंस) में प्रसव हो गया। इतना ही नहीं दोपहर 1:00 बजे तक कोई भी जिम्मेदार डॉक्टर और स्टाफ नहीं पहुंचा। प्रसव के बाद महिला की हालत खराब थी और उसे तुरंत उपचार के लिए जरूरत थी।