जिसने अतिथि विद्वानों को परमानेंट नहीं किया, उन्हें स्वास्थ्यकर्मियों के लिए बोलने का कोई अधिकार नहीं – नरोत्तम मिश्रा

भोपाल से खाईद जौहर की रिपोर्ट – कोरोना काल के दौरान जिन स्वास्थ्यकर्मियों ने अपनी स्वास्थ्य सेवाएं दीं उन्हीं स्वास्थ्यकर्मियों को राजधनी भोपाल की पुलिस ने बेरहमी से पीटा। पुलिस ने स्वास्थ्यकर्मियों पर जमकर लाठिया बरसाई। जिसमें 15 से ज्यादा लोगों को चोटें आईं हैं जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं। जबकि करीब 15 स्वास्थ्यकर्मियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।

अब इस मामले को लेकर प्रदेश की सियासत गरमा गई हैं। इस मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सरकार को घेरा था। कमलनाथ ने कहा था कि जहां एक तरफ़ विश्व भर में कोरोना योद्धाओं का सम्मान किया जा रहा है, उन्हें प्रोत्साहित किया जा रहा है वही दूसरी तरफ़ मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार उन पर बर्बर तरीक़े से लाठियाँ बरसा रही है, यह घटना बेहद निंदनीय व मानवीयता व इंसानियत को शर्मसार करने वाली हैं। उन्होंने लाठीचार्ज के दोषियों पर तत्काल कड़ी से कड़ी कार्यवाही करने की मांग की थी।

वहीं, इस मामले में अब गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बड़ा बयान दिया हैं। नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि जिसने अपने घोषणा पत्र में शामिल करने के बाद अतिथि विद्वानों को आज तक परमानेंट नहीं किया। ऐसे लोगों को बोलने का अधिकार नहीं।

गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कड़ाके की ठंड में अतिथि विद्वान अपने परमानेंट होने की मांग को लेकर प्रदर्शन पर बैठे थे। तब मुख्यमंत्री रहे कमलनाथ बल्लभ भवन के पांचवे तल से नीचे तक नहीं आते थे। ऐसे लोगों को स्वास्थ्यकर्मियों के लिए बोलने का कोई अधिकार नहीं हैं।

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