भोपाल से खाईद जौहर की रिपोर्ट – मध्यप्रदेश की चौथी बार कमान संभाल रहे शिवराज सिंह ने मंगलवार को आखिरकार नैनो कैबिनेट का गठन किया। शिवराज के कैबिनेट में फिलहाल 5 दिग्गजों को जगहें मिली हैं। जिसमें बीजेपी के वरिष्ठ नेता नरोत्तम मिश्रा, कमल पटेल, और मीना सिंह शामिल हैं। जबकि सिंधिया कोटे से तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत को मंत्री बनाया गया हैं।
मंत्री बनाए जाने के बाद सबकी नजरें ज्योतिरादित्य सिंधिया के कोटे से बने मंत्री तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत पर टिकी थी के इन्हें पार्टी कौनसा विभाग सौपेंगी। बता दे कि तुलसी सिलावट को जल संसाधन तो गोविंद सिंह राजपूत को खाद्य एवं नागिरक आपूर्ति विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई हैं।
जबकि कमलनाथ सरकार में तुलसी सिलावट स्वास्थ्य मंत्री और गोविंद सिंह राजपूत राजस्व और परिवहन मंत्री थे।
मंत्रियों के विभागों के बंटवारे के बाद सवाल उठ रहे हैं कि ज्योतिरादित्य सिंधिया का कद शिवराज कैबिनेट में बढ़ा है या फिर घटा हैं। दरअसल, विभाग के बंटवारे से पहले ये कयासा लगाया जा रहा था कि तुलसी सिलावट को फिर से स्वास्थ्य विभाग दिया जाएगा। लेकिन पार्टी ने स्वास्थ्य विभाग का ज़िम्मा तुलसी सिलावट को ना सौंपते हुए नरोत्तम मिश्रा को सौंप दिया।
लेकिन बताया जा रहा है कि तुलसी सिलावट शिवराज कैबिनेट में इस विभाग को रिपीट नहीं करना चाहते थे। ऐसे में कोरोना संकट से निपटने के लिए जरूरी विभाग जल संसाधन की जिम्मेदारी सौंपी गई हैं। यह विभाग सीधे आम जनता से कनेक्ट है और किसानों के हिसाब से महत्वपूर्ण विभाग माना जाता हैं।
जबकि कमलनाथ की सरकार में गोविंद सिंह राजपूत राजस्व और परिवहन मंत्री थे। लेकिन अब इन्हें खाद्य एवं नागिरक आपूर्ति का विभाग सौंपा गया हैं।
वही, इस बंटवारे के बाद मध्यप्रदेश कांग्रेस ने ट्वीट करते हुए तंज कसा हैं। मप्र कांग्रेस ने ट्वीट करते हुए लिखा की – उप मुख्यमंत्री का पद मिलना था, एक अच्छा विभाग तक न मिल सका..! जयचंदों की क़ीमत ख़त्म हुई..! राज्यसभा दूर है, विधायक रहे नही, मंत्री पद नाम भर को मिला, बीजेपी टिकट देगी नही, टिकट मिली तो जीत नामुमकिन..! कुल मिलाकर- श्रीअंत का अंत श्री हो गया।