आखिर गिर ही गया गरीब का मकान, कलेक्टर ने नहीं लिया संज्ञान? पड़ोसी के घर में रहने को मजबूर उमेश

मध्यप्रदेश/अनूपपुर – वैसे तो केन्द्र सरकार हर वर्ग को कच्चे मकान से पक्का मकान देने के लिए मंच-दर-मंच भाषण व सख्त निर्देश दे रही है कि कोई गरीब प्रधानमंत्री आवास योजना से लाभांवित होने से रह न जाये। अपितु जमीनी हकीकत में आज भी प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत जरूरतमंदों को लाभ नही पहुंच सका जिसका जीता जागता उदाहरण ग्राम पंचायत भेंडवाटोला जनपद पंचायत अनूपपुर में उमेश प्रसाद शर्मा पिता हीरालाल शर्मा के यहां जाकर जिला महकमा के वरिष्ठतम अधिकारी देख सकते है कि कैसे उमेश शर्मा जर्जर मकान में रहने को विवश है।

भेडवाटोला के पंचायत सरपंच इतने मनमाने है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की योजनाओं को धता बताते हुए पंचायत के लेटर पैड में यह लिखकर मामले को नस्तीबद्ध कर दिया की उमेश का छतिग्रस्त कच्चे मकान का निराकरण हो चुका है जबकि वास्तविकता यह है कि उमेश आज भी बेघर है बरसात में मकान छतिग्रस्त होने के बाद मौके पर न तो पंचायत सचिव आये और न ही सरपंच आये। कार्यालय से बैठे बैठे उमेश शर्मा के छतिग्रस्त कच्चे मकान का मौका निरीक्षण कर दिया।

उमेश शर्मा के कहानुसार उमेश एक मजदूर है और अपने परिवार का पालन पोषण करने के लिए मजदूरी का कार्य करता है ऐसे में बरसात में कच्चे मकान छतिग्रस्त हो जाने से उमेश को काफी दिक्कतों का सामना करना पडा है। बावजूद इसके पंचायत के सचिव सरपंच के कान में जूं तक नही रेंगा उमेश की आर्थिक स्थिति इतनी कमजोर है कि वह छतिग्रस्त कच्चे मकान के मरम्मत हेतू पैसे भी नही जुटा पा रहा हैं।

जिला कलेक्टर को उमेश शर्मा के छतिग्रस्त कच्चे मकान पर संज्ञान लेने हेतु खबर प्रकाशित किया गया था। बावजूद इसके जिला कलेक्टर ने उक्त मामले पर संज्ञान न लेकर मामले को ठंडे बस्ते में जाने दिया जिसके परिणाम स्वरूप आज भी उमेश शर्मा पंचायत से लेकर जिला स्तर के विभागों तक घक्का खा रहे है। ऐसे में केन्द्र व राज्य सरकारों की योजनाओं पर पंचायत के सचिव सरपंच कितना पलीता लगाते होंगे इस बात से शायद जिला कलेक्टर व जनपद सीईओ बेखबर होगें।

इनका कहना है

जिला निर्वाचन के बैठक में हूं मामले को भेजवा दीजिए मैं दिखवाता हूं।

अनूपपुर जिला कलेक्टर चन्द्रमोहन ठाकुर

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