- मध्यप्रदेश के अमारपुर में अभी लोग करते हैं स्वमुत्रपान
- अमेरिकन सिंगर मेडोना भी कर चुकी हैं स्वीकार
- 99 सालों तक जीवित रहे थे देसाई
- वैज्ञानिकों ने इसको माना था वहम
Bhopal Desk, Gautam
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई का जन्म आज के ही दिन यानि 29 फ़रवरी 1896को हुआ था। वे भारत के स्वाधीनता सेनानी और देश के छठे प्रधानमंत्री (सन् 1977 से 79) थे। वह प्रथम प्रधानमंत्री थे जो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के बजाय अन्य दल से थे। वही एकमात्र व्यक्ति हैं जिन्हें भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न एवं पाकिस्तान के सर्वोच्च सम्मान निशान-ए-पाकिस्तान से सम्मानित किया गया है।
छोड़ना पड़ा था पद
वह 81 वर्ष की आयु में प्रधानमंत्री बने थे। इसके पूर्व कई बार उन्होंने प्रधानमंत्री बनने की कोशिश की परंतु असफल रहे। लेकिन ऐसा नहीं हैं कि मोरारजी प्रधानमंत्री बनने के क़ाबिल नहीं थे। वस्तुत: वह दुर्भाग्यशाली रहे कि वरिष्ठतम नेता होने के बावज़ूद उन्हें पंडित नेहरू और लालबहादुर शास्त्री के निधन के बाद भी प्रधानमंत्री नहीं बनाया गया। मोरारजी देसाई मार्च 1977 में देश के प्रधानमंत्री बने लेकिन प्रधानमंत्री के रूप में इनका कार्यकाल पूर्ण नहीं हो पाया। चौधरी चरण सिंह से मतभेदों के चलते उन्हें प्रधानमंत्री पद छोड़ना पड़ा।
स्वमुत्रपान करते थे
मोरारजी देसाई के बारे में शायद आपको यह बात पता नहीं होगा। वे स्वमुत्रपान की वकालत करते थे। स्वमुत्रपान यानी अपने मूत्र का सेवन। ऐसा करने के पीछे उनका तथ्य था कि इससे कैंसर जैसे खतरनाक बीमारियों से भी बचा जा सकता है। साथ ही उन्होंने इसे गरीबों के इलाज़ के लिए बेस्ट दवा भी करार दिया था। इसके पीछे उनका तर्क था की इससे कई सारे ऐसे बीमारियों का भी इलाज़ हो सकता है जिनका इलाज़ काफी महंगा है। हालाँकि वैज्ञानिकों ने अपने रिसर्च में ऐसा कुछ भी नहीं पाया था।
वहम या सच
वैज्ञानिकों ने उनके दावे को झुठलाया था लेकिन मोरारजी देसाई हमेशा से स्वमुत्रपान की वकालत करते थे। वे 99 साल की उम्र तक जिंदा रहे थे इसलिए उनकी बातें भरोसे के लायक भी है। ऐसा नहीं है कि सिर्फ वही यह कार्य किया करते था आज के समाय में भी कई लोग इस बात को स्वीकार चुकें हैं की वे स्वयं के मूत्र का सेवन करते हैं।
पुराने समय में था चलन
भले ही स्वमूत्रपान के विचार को मानने वाले दुनिया में बड़ी संख्या में न रहे हों। लेकिन दुनिया भर में हुए कई रिसर्च में रिपोर्ट्स ने इस बात का दावा करती हैं। कई सारी सभ्यताओं में स्वमूत्र चिकित्सा से जुड़े मिथक हैं। अलग-अलग बीमारियों के संदर्भ में अलग-अलग तरीके से लोग स्वमूत्र का प्रयोग करते हैं।
मध्य प्रदेश के छोटे से गांव अमारपुर के निवासी अपना मूत्र पीते हैं ताकि वे खुद को बीमारियों स बचा सकें। केवल इस गांव के ही नहीं सारी दुनिया में कई लोग हैं जो इसे मानते हैं। ऐसे लोगों में अमेरिकन सिंगर और एक्ट्रेस मेडोना ने भी एक बार अपना मूत्र पीने की बात स्वीकार की थी।