प्रदेश में हीरा,सोना जैसे खनिजों की खोज करेगा एमईसीएल,और ई-नीलामी की होगी व्यवस्था
भोपाल। खनिज साधन विभाग द्वारा प्रदेश में हीरा, सोना, कोयला सहित अन्य खनिजों की खोज कर उसके भंडारण का रोडमैप बनाने की तैयारी की जा रही है इसके लिए सरकार मिनरल एक्सप्लोरेशन कार्पोरेशन लिमिटेड एमईसीएल की मदद लेगा बता दें कि खनिजों की खोज के हिसाब से इस संस्थान को अलग से राशि दी जाएगी। एमईसीएल भारत सरकार का उपक्रम है जो अत्याधुनिक तकनीकों के माध्यम से खनिजों के खोज का ही काम करता है। हालांकि मप्र कुछ जिलों में एनएमडीसी और मोइल (एमओआईएल) कंपनी को भी काम दिया गया है। खजिन साधन विभाग प्रदेश में पाए जाने वाले मुख्य और गौड़ खनिजों की नए सिरे से सर्वे कराएगी। खोज के साथ ही इसका भी अध्ययन किया जाएगा कि किन क्षेत्रों में किस खनिज का कितना भंडार है। उसकी गुणवत्ता किस श्रेणी की है।
ई-नीलामी की व्यवस्था
खनिजों की खोज और सर्वे रिपोर्ट के आधार पर अलग-अलग खनिजों का अलग-अलग क्लस्टर तैयार किया जाएगा। मुख्य खनिजों के साथ ही गौड़ खनिजों की ई-नीलामी भी की जाएगी। वर्तमान में रेत के अलावा अभी तक किसी भी गौर खनिज की ई नीलामी नहीं की जाती है। खनिज साधन विभाग गौड़ खनिजों के लिए नीति तैयार कर रहा है। नीति बनने के बाद इनकी नीलामी की जाएगी। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर खनिजों का एक रोड मैप तैयार किया जाएगा।