MADHYAPRADESH – प्रदेश में होने जा रहा बड़ा प्रशासनिक उलटफेर, तीन साल से जमे पुलिस अफसर हटेंगे

प्रदेश में होने जा रहा बड़ा प्रशासनिक उलटफेर, प्रतिनियुक्ति पर जाने से खाली हैं कई पद

भोपाल कमलनाथ सरकार जल्द ही बड़ा प्रशासनिक फेरबदल करने जा रही है। इस फेरबदल में प्रमुख सचिव व सचिव स्तर के अधिकारी और कलेक्टरों का स्थानांतरण और फेरबदल हो सकता है। प्रशासनिक फेरबदल को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ और मुख्य सचिव एसआर मोहंती के बीच सहमति बन चुकी है। बताया जाता है कि रिक्त पदों को भरने और पदोन्नत अधिकारियों की नई पदस्थापना को लेकर दोनों के बीच चर्चा हुई।
प्रतिनियुक्ति की वजह से खाली हो गए थे पद
प्रमुख सचिव स्तर के कुछ अधिकारियों के प्रतिनियुक्ति पर जाने से पद खाली हो गए हैं।
 प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा तकनीकी शिक्षा व खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति के पद पर नए अफसरों की पदस्थापना की जाएगी।
आईएएस वीएल कांताराव के प्रतिनियुक्ति पर जाने के कारण मप्र के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी का पद भी खाली हो रहा है। इसलिए इस पद पर भी नए अधिकारी की पदस्थापना की जाएगी। आयुक्त मंडी और एमडी वेयर हाउसिंग कारपोरेशन का भी पद रिक्त है। सूत्रों का कहना है कि सरकार वर्ष 1996 बैच के आईएएस अफसरों की जल्द डीपीसी कर उन्हें प्रमुख सचिव के पद पर पदोन्नत करेगी। प्रमुख सचिव के खाली हुए पदों पर इन अफसरों की पदस्थापना की जा सकती है।
जबलपुर और रीवा के डीआईजी पद हैं खाली
 प्रमोशन के बाद कई डीआईजी स्तर के अधिकारी अभी भी जिले में जमे हैं। आईजी शहडोल और जबलपुर व रीवा के डीआईजी का पद भी खाली है। शिकायतों के कारण कुछ एसपी भी हटाए जा सकते हैं।
तीन साल से जमे पुलिस अफसर हटेंगे
भोपाल इंदौर ग्वालियर और जबलपुर में तीन साल से अधिक समय से जमे एएसपीए सीएसपी और डीएसपी का तबादला किया जाएगा। हनीट्रैप मामला संगठित माफिया के खिलाफ कार्रवाई में पुलिस अफसरों की भूमिका सही नहीं रही। मुख्यमंत्री कमलनाथ का मानना है कि पुलिस अफसरों के एक ही स्थान पर लंबे समय तक पदस्थ रहने से अपराधियों से उनके संबंध बन जाते हैं। यही वजह है कि उन्होंने तीन साल से एक ही स्थान पर पदस्थ अफसरों को हटाने को कहा है। इसके बाद तीन साल से अधिक समय से एक स्थान पर जमे निरीक्षकों के तबादले किए जाएंगे।
सीएम कमलनाथ – दिग्विजय सिंह के बीच हुई वार्ता
मुख्यमंत्री कमलनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बीच कल शाम सीएम हाउस में लगभग एक घंटे तक चर्चा हुई। लंबे अर्से बाद दोनों के बीच हुई चर्चा में प्रदेश की वर्तमान राजनीतिक हालात और सरकार के कामकाज पर चर्चा हुई। बताया जाता है कि बैठक में मुख्य रूप से नगरीय निकाय चुनाव पर चर्चा हुई कि किस तरह अधिक से अधिक निकायों पर कांग्रेस के प्रत्याशी विजयी हो। बैठक में भोपाल में दो नगर निगम बनाने तथा महानगरों के विकास की अन्य योजनाओं पर भी चर्चा हुई। अतिविश्वसनीय सूत्रों के अनुसार दिग्विजय सिंह ने भोपाल के विजन डाक्यूमेंट में हो रहे कार्यों पर भी मुख्यमंत्री से चर्चा की। इसके साथ ही राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर भी दोनों के बीच चर्चा हुई।  कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं की सरकार में किस तरह से भागीदारी की जाए। इस पर भी चर्चा हुई। इसके साथ ही प्रभारी मंत्रियों की जिले के कांग्रेस कार्यकर्ताओं से पटरी न बैठने सहित कार्यकर्ताओं के अन्य मुद्दों पर भी चर्चा हुई।

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