भोपाल/प्रियंक केशरवानीः- मध्यप्रदेश सरकार यूं तो पहले से ही कर्ज में दबी हुई है, और उन्ही के सरकार के मंत्री अपना मकान बनवाते है वो भी सरकारी खजाने से लेकिन इस बार तो प्रदेश की आर्थिक हालत सुधारने के लिए एमपी सरकार 2 हजार करोड़ का कर्ज ले रही है। तो इस बार क्या कर्ज के पैसों से प्रदेश की आर्थिक स्थिति सुधरे गी या सरकार के मंत्रीयों की? वित्त विभाग ने कर्ज लेने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। सरकार यह कर्ज RBI से 20 साल तक के लिए लेगी। इससे पहले भी प्रदेश सरकार 2 हजार करोड़ का कर्ज लिया था, वहीं साल 2021-22 में अब तक 18 हजार करोड़ का कर्ज एमपी सरकार ले चुकी है। प्रदेश पर अब तक पौने तीन लाख करोड़ का कुल कर्ज है जो कि प्रदेश के कुल बजट से भी ज्यादा है।
विकास परियोजनाओं को गति देने ले रही लोन-
कोरोना महामारी के दौरान राज्य की आर्थिक हालत को काफी नुकसान हुआ था। और प्रदेश में कर्ज की सीमा बढ़ने का यही एक मात्र कारण है। उस बीच लॉकडाउन के दौरान सभी उघोग धंधे, व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे थे। साथ ही सरकार को स्वास्थय सेवाओं और जन कल्याणकारी योजनाओं पर अपने खर्ज को बढ़ाना पड़ा था। जिसका असर प्रदेश के खजाने पर पड़ा है। भले ही प्रदेश सरकार के पास खजाने में पैसे ना हो लेकिन उनके मंत्रियों के पास सरकारी खजाने से पैसे निकल जाते है।