मध्यप्रदेश में बारिश में भीग रहा है अन्नदाताओ का अन्न

मध्यप्रदेश में पिछले कुछ दिनों में बरसात से खुले में रखा हजारों टन धान मंडियों में ही रखे-रखे भीग गया| . जब तक धान गोदाम में नहीं पहुंचेगा किसान को भुगतान नहीं होगा. धान बेचकर अब किसान सहकारी समितियों के चक्कर लगा रहे हैं. डिंडोरी के शहपुरा में बरगांव धान खरीदी केन्द्र की तस्वीरें आईं थी जहां मैदान में पानी है, पानी में धान की बोरियां हैं. कुछ खुशकिस्मत बोरियों को तिरपाल में सूखे रहने का सुख मिल गया है , लेकिन कुछ किसान इस मामले में बदकिस्मत रहे. मंडी में आए ग्रामीण केशव प्रसाद साहू ने कहा की अनाज ले आए हैं, गाड़ियों की व्यवस्था नहीं है, पूरा धान पानी में है, 8-10 दिन से गाड़ियों की व्यवस्था नहीं हो पा रही इसलिये दिक्कत हो रही है| 

मंडी में आए किसान गजेन्द्र सिंह रघुवंशी ने कहा की  पानी से नुकसान हुआ है, 10 प्रतिशत  किसानों की ट्रॉली बाहर खड़ी है, अंदर भी पड़ा है. वहीं सुनील यादव ने बताया धान लेकर आया था, पूरा धान भीग गया. ना पानी की व्यवस्था है और ना ही खाने की. राज्य में पिछले दस दिन से करीब पांच सौ खरीदी केन्द्रों पर अब तक 70335 टन धन की ही खरीदी हुई है. जिसमें सिर्फ 3306 टन धान का ही परिवहन हो पाया है. नियम कहता है कि खरीदी के 48 घंटे के अंदर अनाज का परिवहन होना चाहिये.लेकिन  खरीदी के बाद धान परिवहन सिर्फ 8 जिलों में हुआ है, 42 में परिवहन का काम भी शुरू नहीं हुआ है. प्रदेश के 20 से अधिक जिलों में धान भंडारण करने के लिए पर्याप्त बंद गोदाम नहीं हैं. 

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