देश में कोविड-19 संक्रमण को रोकने के लिए केंद्र सरकार(Central government) ने 25 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा कर दिया थी। 1 महीना के बाद भी लॉकडाउन अब भी जारी है। अब कई राज्यों की लॉकडाउन के कारण आर्थिक हालत ख़राब होने लगी है। यही कारण है कि राज्य अब इस मुश्किल हालात से उबरने के लिए कई कदम उठा रहे हैं। सरकार के खाली खजाने को दोबारा भरने के लिए एक बार फिर आम जनता की जेब पर भार पड़ना शुरू हो गया है। कई राज्यों द्वारा जहां पहले ही सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में कटौती कर ली है| अब नगालैंड ने एक और कदम आगे बढ़ते हुए पेट्रोल और डीजल पर कोविड-19 टैक्स ( Covid Tax) लगा दिया है।अब प्रदेश की जनता पर नए कर का बोझ बढ़ गया है।
पेट्रोल(Petrol), डीजल(Disel) पर लगा इतना कोविड टैक्स
नगालैंड सरकार(Nagaland government) ने अपने खजाने की हालत को सुधारने के लिए पेट्रोल व डीजल पर भारी भरकम कोविड-19 टैक्स लगा दिया है।एक रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने पेट्रोल पर 6 रुपए व डीजल पर 5 रुपए कोविड सेस लगा दिया है। राज्य में पेट्रोल, डीजल पर लगने वाला टैक्स आय का बड़ा स्त्रोत है, ऐसे में सरकार ने लॉकडाउन की भरपाई के लिए यह कदम उठाया।
पंजाब, तेलंगाना, महाराष्ट्र की भी हालत ख़राब
कोविड-19 संक्रमण से हुए लॉकडाउन के बाद देश के समृद्ध राज्य कहने वाले महाराष्ट्र और पंजाब की हालत भी अभी ख़राब हो रही है। तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, एमपी, राजस्थान की भी आर्थिक स्थिति कमजोर हुई है। इन सभी राज्यों ने अपने यहां के सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में या तो कटौती की है या फिर दिया जाने वाला महंगाई भत्ता(DA) रोक लगा रखा है।