खरगोन से लोकेश कोचले की रिपोर्ट – खरगोन बिस्टान रोड स्थित अनाज मंडी में मंगलवार को नागरिकता कानून व एनआरसी के विरोध में दर्जनों संगठनों ने “हम भारत के लोग'' के तहत आमसभा का आयोजन किया। जिसमे शिक्षाविद व स्वराज इण्डिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव खरगोन पूर्व कलेक्टर हर्षमंदर दलित आदिवासी जागृति संगठन की माधुरी बेन और भीम आर्मी के प्रदेश प्रभारी सुनील अस्तेय ने बतौर अथिति आमसभा को सम्बोधित किया।
इस दौरान हजारो लोग हाथो में तिरंगा लिए, काली पट्टी बांधे, इंकलाब जिंदाबाद और हम लेके रहेंगे आजादी जैसे नारे लगते हुए इस कानून का विरोध करने अनाज मंडी में एकत्रित हुए ।
कार्यक्रम में पहुंचे सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव ने कहा कि इसलिए यहां आया हूं कि मैं यह नहीं चाहता कि मेरे बच्चे इजराइल जैसे देश में पलें।
जब मेरी आंखें बंद हों, तब यह गांधी का देश हो गोड़से का देश न बने।
यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनता को दो इंजेक्शन लगा रहे हैं। जनता ने उन्हें पहले भी एक इंजेक्शन लगाते हुए देखा है। याद है नोटबंदी वाला किस्सा। पहला इंजेक्शन है सीएए, दूसरा एनपीआर-एनआरसी।
यादव ने कहा जब आजादी का नारा लगता है तो देश की बड़ी कुर्सी पर बैठे लोगों को खुश होना चाहिए। गर्व होना चाहिए, लेकिन हमारे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कहते हैं कि जो आजादी का नारा लगाएंगे उन पर देशद्रोह का मुकदमा कर दिया जाएगा। ये बेचारे आजादी का मतलब क्या समझे? यादव ने अमित शाह को शाह और नरेंद्र मोदी को शहंशाह बताते हुए कहा कि शाह शब्द फारसी से आता हैं। मोदी शब्द अरेबिक से आता हैं।
अप्रैल में परिवार की जानकारी लेने आए शासकीय कर्मचारियों को अप्रत्यक्ष रूप से जानकारी नहीं देने के लिए भी कहा। उन्होंने 30 जनवरी को महात्मा गांधी के शहादत दिवस पर मानव श्रृंखला बनाने की बात कही।
वहीं, खरगोन में कलेक्टर रह चुके हर्ष मंदर ने भी इस कानून का विरोध किया। मंदर ने वर्ष 1990 में कलेक्टर कार्यकाल के अनुभव भी बताए। आदिवासी दलित जाग्रत संगठन की नेत्री माधुरीबेन ने कहा कि सीएए धार्मिक आधार पर भेदभाव करता हैं। उन्होंने बेरोजगारी सहित अन्य मुद्दों पर भी अपनी बात रखी। आदिवासी विकास परिषद के सुभाष डावर भीम आर्मी के सुनील अस्तेय, जयस के राजेन्द्रसिह पंवार, सहित अन्य संगठनों के प्रमुखों ने भी संबोधित किया। इसके बाद अंत में राष्ट्रगान हुआ।