कटनी : सरकार के निर्देश हवा में, यहां खुलेआम हो रहा रेत का अवैध उत्खनन देखें video
- ढीमरखेड़ा क्षेत्र में दबंग नाका लगाकर रेत माफिया कर रहे वसूली
- ग्रामीणों की शिकायत के बावजूद प्रशासन खामोश
- खनिज के अवैध परिवहन और भंडारण पर नहीं हो रही कोई कार्यवाही
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द लोकनीति डेस्क कटनी ( ढीमरखेड़ा)
खनिज के अवैध उत्खनन और भंडारण पर कार्रवाई को लेकर सरकार ने अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई के निर्देश तो जरूर दिए हैं लेकिन सरकार के इन निर्देशों को अधिकारी हवा में उड़ा रहे हैं। ताजा मामला कटनी जिले के ढीमरखेड़ा क्षेत्र का है। जहां रेत माफिया खुलेआम बिना कागज के नाका लगाकर रेत की अवैध वसूली कर रहा है।
दतला नदी से अवैध रेत निकालकर जगह-जगह उसका भंडारण हो रहा है लेकिन अधिकारियों को यह कहीं भी दिखाई नहीं दे रहा। ग्रामीणों को बंदूक दिखाकर जान से मारने की धमकी देने तक से यह रेत माफिया परहेज नहीं करते। मामले की शिकायत ग्रामीणों ने ढीमरखेड़ा तहसील प्रशासन से की तो जरूर लेकिन प्रशासन पूरी तरह अपनी आंख और कान बंद करके बैठा है। रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन पर सख्त कार्रवाई के निर्देश सभी कलेक्टरों को जारी किए। कटनी कलेक्टर ने रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन को लेकर टीम भी गठित कर दी, लेकिन टीम को ढीमरखेड़ा क्षेत्र में हो रहे अवैध उत्खनन और परिवहन कहीं भी दिखाई नहीं दे रहा। माइनिंग विभाग के अधिकारी आंखें मूंदकर क्षेत्र में सिर्फ दिखावटी भ्रमण कर रहे हैं।
हुआ था जमकर हंगामा, प्रशासन और माइनिंग विभाग पर ग्रामीणों ने लगाए थे आरोप : 8 अगस्त को ढीमरखेड़ा तहसील के दशहरमन क्षेत्र में माइनिंग विभाग द्वारा एक ट्रैक्टर ट्राली को पकड़कर उसकी जब्ती तो बनाई गई लेकिन माइनिंग विभाग ने संबंधित ट्रैक्टर ट्राली की रेत को क्षेत्र की विस्टा कंपनी के सुपुर्द कर दिया था जिसको लेकर ग्रामीणों ने मौके पर जमकर हंगामा किया था ग्रामीणों ने प्रशासन और माइनिंग विभाग पर संबंधित फर्जी विस्टा कंपनी जिसके पास न तो रेत के अवैध उत्खनन परिवहन के कोई कागजात हैं उसके साथ प्रशासन के सांठगांठ के आरोप लगाए थे। सिलोंडी चौकी प्रभारी और माइनिंग विभाग को विस्ता कंपनी के कर्मचारियों द्वारा अवैध हथियार दिखाकर और जान से मारने की धमकी देकर अवैध तरीके से घर में रखी रेत उठाकर ले जाने की शिकायत की थी, लेकिन अधिकारियों ने संबंधित कंपनी और उसके कर्मचारियों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं की। अभी भी कंपनी के कर्मचारी बाकायदा दशरमन में नाका लगाकर अवैध वसूली कर रहे हैं।
बड़ा सवाल ? ढीमरखेड़ा एसडीएम और तहसीलदार नहीं कर पाए जांच पूरी : रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन को लेकर जब कोई कार्यवाही नहीं हुई तो आक्रोशित ग्रामीणों ने ढीमरखेड़ा एसडीएम और ढीमरखेड़ा थाना प्रभारी को संबंधित कंपनी के कर्मचारियों द्वारा धमकाए जाने और जान से मारने की धमकी को लेकर 19 अगस्त को नामजद शिकायत को लेकर ज्ञापन भी दिया। इसके बावजूद पुलिस और प्रशासन का अमला 15 दिन में पूरे मामले की जांच तक नहीं कर पाया। स्थिति यह है कि पुलिस प्रशासन की मिलीभगत और संरक्षण में विस्ता कंपनी के कर्मचारी खुलेआम रेत निकाल रहे हैं और अवैध तरीके से गांव-गांव घूमकर रेत की जब्ती माइनिंग विभाग से बनवा कर अपने स्टॉक में दर्शा कर शासन को करोड़ों का चूना लगा रहे हैं।
क्या हैं NGT(नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) के आदेश
नदियों से रेत निकालने को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के निर्देश हैं कि 15 अक्टूबर तक खनन पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेगा। नदियों में अन्य जीवों को नुकसान की दृष्टि से लगाए इस प्रतिबंध का असर जिले की नदियों में नहीं दिख रहा है। बारिश में नदियों से रेत खनन पर कार्रवाई की जाएगी लेकिन ग्रामीणों ने बताया कि खमतरा क्षेत्र की महानदी की तट पर और ढीमरखेड़ा में दतला नदी से बारिश के मौसम में भी रेत का अवैध खनन लगातार हो रहा है वहीं शासन प्रशासन रेत माफ़िया के हाथों की कठपुतली बना है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
विस्टा कंपनी का मामला मेरे संज्ञान में नहीं आया है लेकिन इस विषय में ,मैं खुद वहा के SDM से बात करूँगा और अवैध उत्खनन करने वालों के ख़िलाफ़ सख्त कार्रवाई की जायेगी। खनिज के अवैध उत्खनन और भंडारण को लेकर जो टीम गठित की गई है उसकी रिपोर्ट माइनिंग इंस्पेक्टर से ली जायेगी।
शशिभूषण सिंह ,कलेक्टर कटनी