महिलाओं को मतदान का अधिकार दिलाने वाली कामिनी रॉय की जयंती पर गूगल ने बनाया डूडल 

महिलाओं के अधिकारों के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित करने वाली कामिनी रॉय की 155वीं जयंती

गूगल ने कामिनी रॉय की जयंती के मौके पर डूडल बनाकर किया याद 

आज महिलाओं के अधिकारों के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित करने वाली कामिनी रॉय की 155वीं जयंती है। इस अवसर पर गूगल ने डूडल बनाया है | बता दें कि कामिनी पहली ऐसी महिला हैं, जिन्होंने ब्रिटिश इंडिया में ऑनर्स में गैजुएशन की । कामिनी एक एक्टिविस्ट, शिक्षाविद् होने के साथ-साथ एक कवियित्री भी थी। जानकारी के लिए बता दें कि कामिनी का जन्म 12 अक्टूबर 1864 को तत्कालीन बंगाल के बेकरगंज में हुआ था। हालांकि, अब बेकरगंज बांग्लादेश का हिस्सा कहलाता है। आज उनकी जयंती के मौके पर गूगल द्वारा भी आज डूडल बनाकर उन्हें याद किया गया है।

बताया जाता है कि कामिनी बचपन से ही आजाद ख्यालों की थी, उन्होंने हमेशा से ही शिक्षा को तवज्जों दी थी। उन्होंने साल 1886 में कोलकाता यूनिवर्सिटी के बेथुन कॉलेज से संस्कृत में ऑनर्स की पढ़ाई की थी। वह ब्रिटिश इंडिया की पहली ऐसी महिला थी, जिन्होंने ग्रेजुएशन किया था | उन्होंने समाज सेवा करने के साथ-साथ स्वतंत्रता आंदोलनों में भी हिस्सा लिया। भारतीय न्यायाधीशों को ऐसे मामलों की सुनवाई करने का अधिकार दिया गया, जिनमें यूरोपीय नागरिक शामिल हुआ करते थे। यरोपीय समुदाय द्वारा इसका विरोध जताया गया था | लेकिन, भारतीयों द्वारा इसका समर्थन किया गया था, उन्ही में से कामिनी रॉ भी एक थीं। 

कामिनी रॉय द्वारा अपनी कविताओं के माध्यम से महिलाओं को उनके अधिकारियों के लिए जागरुक किया गया । इसी के साथ महिलाओ को मतदान का अधिकार दिलाने के लिए उन्होंने एक लंबा आंदोलन भी चलाया। लंबे आंदोलन के बाद सन 1926 में महिलाओं को मतदान का अधिकार प्राप्त हुआ और सन 1933 में कामिनी रॉय का निधन हो गया था | 

 

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