तो क्या प्रदेश में लग जाएगा राष्ट्रपति शासन ,कमलनाथ ने राष्ट्रपति को लिखा है पत्र

 

Bhopal Desk ,Gautam Kumar

पूरा देश जहां कोरोना वायरस (Coronavirus) संकट से जूझ रहा है, वहीं मध्य प्रदेश में हो रही राजनीति समाप्त होने का नाम नहीं ले रही। ताजा अपडेट के मुताबिक प्रदेश के पूर्व सीएम और वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ (Kamalnath) ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने राज्य में अपनी सरकार बनाने के लिए कोविड-19 से निपटने के लिए देर से कदम उठाए। वहीं कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य एवं वकील विवेक तन्खा ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली सरकार 'असंवैधानिक' है, क्योंकि यह मंत्री-परिषद के बिना काम कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर मध्यप्रदेश में सीएम अपनी कैबिनेट बनाने में सक्षम नहीं हैं तो प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाना चाहिए। 

वहीँ पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि बीजेपी मध्यप्रदेश के लोगों को बेवकूफ बना रही है, क्योंकि इतने गंभीर संकट में भी राज्य में न कोई मंत्रिमंडल है, न ही कोई स्वास्थ्य मंत्री, ना ही गृह मंत्री है। कमलनाथ वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। कमलनाथ ने कहा कि अगर समय रहते ही प्रदेश में लॉक डाउन कर दिया जाता तो ये हालात नहीं होते। 8 मार्च से सभी विधायक प्रदेश के बाहर बैठे हुए थे। किंतु तब मैंने 12 मार्च को स्कूल कॉलेज सभी को बंद कर दिया गया था। मेरे इस्तीफे के बाद 23 मार्च को शिवराज सिंह चौहान ने सीएम पद की शपथ ली। इसके बाद केंद्र सरकार ने कदम उठाए 24 मार्च से देशभर में लॉकडाउन शुरू हुआ। वहीं, मध्य प्रदेश में सीएम बनने के इतने दिन बाद भी अब तक मंत्रीमंडल का गठन नहीं हुआ है। ये तो मैं सोचता हूं जनता का मजाक बनाने की बात है। 

पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा, 'आज पूरी दुनिया गंभीर महामारी की चपेट में है। दुनिया के सभी देश सामूहिक तौर पर इसका समाधान तलाश रहे हैं। प्रत्येक दिन हजारों लोग इस महामारी की चपेट में आ रहे हैं। कांग्रेस पार्टी इस महामारी की लड़ाई में केन्द्र सरकार के साथ है। मैं इसे दोहराना चाहता हूं कि कांग्रेस कोरोना वायरस के खिलाफ केन्द्र सरकार की यथासंभव मदद के लिए तैयार है।' कमलनाथ ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में टेस्टिंग हो रही है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना के टेस्ट नहीं हो रहे हैं। अगर आंकड़ों पर गौर करें तो अभी जो टेस्ट हुए वो शहरी इलाकों के ही हैं। कोरोना वायरस के कारण स्थिति बहुत गंभीर है। व्यापक जांच होने पर और मामले सामने आएंगे। टेस्टिंग किट का ऑर्डर तब किया गया जब स्थिति गंभीर होने लगी। 12 फरवरी को राहुल गांधी के कहने और चिंता जताने के बाद भी आखिर केंद्र सरकार ने कोरोना को लेकर जरूरी कदम क्यों नहीं उठाए।

 

 

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