मंदिरों की ज़मीन अब बिल्डर्स को बेचेगी कमलनाथ सरकार, प्रस्ताव तैयार, मुहर लगना बाकी

भोपाल से खाईद जौहर की रिपोर्ट – आज कमलनाथ सरकार की अहम कैबिनेट बैठक होने वाली हैं। इस बैठक में कई प्रस्ताव लाए जाएंगे, जिनको हरी झंडी मिल सकती हैं। इन्हीं प्रस्तावों में एक प्रस्ताव फ़िलहाल चर्चा का विषय बना हुआ हैं। दरअसल कमलनाथ सरकार ने प्रदेश के मंदिरों की जमीन बिल्डरों को देने का प्रस्ताव तैयार किया हैं। जिसे आज होने वाली कैबिनेट बैठक में पेश किया जाएगा। 

इस प्रस्ताव के मुताबिक बिल्डर्स इस जमीन पर निर्माण कार्य कर उसे बेच सकते हैं। इससे जो पैसा मिलेगा वो मंदिर, जिला और राज्य सरकार के देवस्थान कोष में जाएगा। 

क्या है ये प्रस्ताव, जानें यहां 

मंत्री पीसी शर्मा ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि सरकार के अधीन आने वाले मंदिरों की खाली जमीन व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए निजी व्यक्तियों को बेचने का प्रस्ताव लाया जा रहा हैं। जिसके तहत सरकार, जमीन बिल्डर्स को देगी। सरकार केवल जमीन देगी। उस पर मकान-दुकान, डुप्लेक्स, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स सहित दूसरा कर्मिशियल बिल्डिंग बिल्डर अपने खर्च पर बनवाएगा। इसके बाद वो इसे बेच सकता हैं। इससे मिलने वाला पैसा तीन हिस्सों में बांटा जाएगा। 20 फीसदी मंदिर, 30 फीसदी जिला स्तर और 50 फीसदी राज्य स्तर के देवस्थान कोष में जमा होगा। 

मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि इसकी शुरुआत भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर के साथ दूसरे बड़े शहरों के मंदिरों से होगी। 

प्रस्ताव लाने के पीछे ये है वजह

सरकार की ओर से कहा गया कि मंदिरों की खाली पड़ी जमीन का कोई उपयोग नहीं हो पाता हैं। प्रशासन के पास अमला नहीं होने की वजह से मंदिरों की मॉनिटरिंग में दिक्कत आती हैं। साथ ही कहा गया कि मंदिरों की खाली जमीन पर कब्जा हो जाता हैं। प्रशासन कार्रवाई कर इन कब्जों को बार-बार हटाती है, लेकिन इन पर फिर कब्जा जमा लिया जाता हैं। 

ऐसे में सरकार का मानना है कि इस प्रस्ताव को हरी झंडी मिलने से मंदिरों का विस्तार के साथ विकास भी होगा।

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