भोपाल से खाईद जौहर की रिपोर्ट – मंत्रिमंडल विस्तार और विभागों के बंटवारे के बाद अब नई कार्यकारिणी के गठन पर पेंच फसते हुए नज़र आ रहे हैं। और इसका कारण भी राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया बताए जा रहे हैं।
दरअसल, हालही में ग्वालियर में बड़ी तादाद में पार्टी में शामिल हुए सिंधिया समर्थकों में से किसे मौका दिया जाए, इसको लेकर बात अटक गई हैं। मुख्यमंत्री शिवराज, प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और संगठन मंत्री सुहास भगत के बीच बातचीत का दौर भी चला। लेकिन कोई निर्णय नहीं हो सका। वहीं, आगामी उपचुनाव को देखते हुए भाजपा कोई रिस्क नहीं लेना चाहती हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक, भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी में 10 उपाध्यक्ष, 10 प्रदेश मंत्री और चार महासचिव बनाए जाने हैं। यहीं कारण है कि अब एक-एक नाम दिल्ली में आला नेताओं की राय से तय किए जाने का फैसला किया गया हैं।
बता दे कि प्रदेश अध्यक्ष (State President) बनने के बाद एक लंबा समय वीडी शर्मा (VD Sharma) को हो गया है, लेकिन उनकी नई टीम फाइनल नहीं हो पा रही हैं। इस से पहले करीब 2 साल तक प्रदेश अध्यक्ष रहे रहे राकेश सिंह भी नई टीम नहीं बना पाए थे।