जबलपुर( सिहोरा) : देखें Video MSP के रेट में धान खरीदी में बड़ा घोटाला,तुलाई में गड़बड़ी और किसानों से वसूला जा रहा 8 रूपये कट्टी कमीशन
- जबलपुर की सिहोरा तहसील के बंदरकोला धान खरीदी ओपन कैप का मामला
- तुलाई ,सिलाई और स्टैकिंग का कमीशन किसानों से खुलेआम वसूला जा रहा है
- चार समितियों का बना है केंद्र, सभी इलेक्ट्रॉनिक कांटो में गड़बड़ी ,मीडिया से बचते नज़र आये जिम्मेदार
देखें Video – https://fb.watch/2pKaS-4xAz/
द लोकनीति डेस्क सिहोरा
देश का अन्नदाता किसान आज सबकी जुबान पर है। चाहे मीडिया हो या सियासत सब किसान बिल को लेकर बातें कर रहे है लेकिन कोई किसानों की तत्काल परेशानी को नहीं समझ रहा है। मध्यप्रदेश में किसानों को लेकर आज हम एक बड़ा खुलासा करने जा रहे है ,जहां की जमीनी हक़ीक़त और ग्राउंड जीरो से रिपोर्ट में आपको सब दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा
ताज़ा मामला जबलपुर ज़िले की सिहोरा तहसील के बंदरकोला धान ख़रीदी ओपन कैप का है ,
जहाँ किसानों से धान की सरकारी खरीदी में जमकर कमीशनखोरी चल रही है। धान की खरीदी से लेकर तौल ,सिलाई और स्टैकिंग का पैसा किसानों से खुलेआम वसूला जा रहा है। वही दूसरी तरफ जिम्म्मेदार अधिकारी सिर्फ जांच की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ रहे है। कमीशनखोरी और अवैध वसूली के इस खेल में प्रबंधक ,सैल्समैन और खरीदी प्रभारी का बराबर का बंदरबाट चल रहा है। किसानो का साफ़ कहना था कि 41 किलो 200 ग्राम की तौल की जा रही है। इतना ही नहीं इसके साथ तौल ,सिलाई और स्टैकिंग का पर कट्टी 8 रूपये किसानो से वसूला जा रहा है।
दिल्ली में एकतरफ देश के किसान कृषि बिल को लेकर कड़ी ठंड में रोड़ो में डेरा डाले बैठे है वही बात मध्यप्रदेश की करे तो यहां भी किसान अपनी आवाज़ बुलंद करने को लेकर संघर्ष कर रहे है। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधवार को जबलपुर में कृषि बिल को लेकर किसान महासम्मलेन में किसानों का समर्थन जुटाने के प्रयास में लगे है। लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज यह नहीं जानते कि जबलपुर के किसानो की समस्या कितनी अधिक है और ये कमीशनखोरी का खेल हर जगह चल रहा है जिससे किसान त्रस्त है।
40 किलो की पर्ची, 41 किलो 200 की तौल
सिहोरा तहसील के बंदरकोला ओपन कैप में मझगवां, सैलवारा, नुंजी, फनवानी समितियों की धान की सरकारी खरीदी का केंद्र बनाया गया है। धान की सरकारी खरीद में तौल का नियम वैसे तो 40 किलो ग्राम 600 ग्राम का है, लेकिन किसानों से यहां 41 किलो 200 ग्राम धान की खुलेआम तौल खुलेआम चल रही है। सरोली के किसान सुभाष सराफ ने बताया कि यहां बिना कमीशन के कुछ नहीं होता यदि आपने 41 दो सौ से कमतौल करवाई तो आपकी धान रिजेक्ट कर दी जाएगी। यह स्थिति पूरे खरीदी केंद्रों की थी किसानों को मजबूरी में अपनी धान तौलने के लिए अधिक तौल के साथ कमीशन देना पड़ रहा था।
पल्लेदारी, सिलाई और तौल प्रति कट्टी 8 रुपए वसूल रहे किसानों से
शासन के स्पष्ट निर्देश है कि खरीदी केंद्रों में किसी भी किसान से कोई भी शुल्क नहीं लिया जाएगा इसके बावजूद बंदर कोला खरीदी केंद्र में किसानों से पल्लेदारी, सिलाई और तौल प्रति कट्टी 8 रुपए वसूल खुलेआम वसूल किया जा रहा है किसान नर्मदा पटेल, रमेश रजक ने बताया कि अगर प्रति कट्टी 8 रुपए नहीं दी जाती तो आपकी धान की तौल नही होगी। यहां से वहां भटकते रहेंगे और प्रबंधक आपको धमकाते रहेंगे कि तुम्हारी धान रिजेक्ट हो गई है।
कांटे में साफ साफ हो रही 41 किलो 200 की तौल
द लोकनीति ने जब मामले की सच्चाई के लिए बंदरकोला ओपन के खरीदी केंद्रों में लगे इलेक्ट्रॉनिक कांटो में हो रही धान की तौल देखी तो हार कांटे में
41 किलो 200 ग्राम की तौल हो रही थी, जबकि शासन का स्पष्ट निर्देश है कि 40 किलो 600 ग्राम की तौल प्रति कट्टी में की जाएगी। खरीदी केंद्र में खुलेआम किसानों को लूटा जा रहा था।
किसानों को धमकाते दिखे प्रबंधक और सेल्समेन
खरीदी केंद्र में खुलेआम हो रही कमीशन खोरी को लेकर लोक नीति ने किसानों से बातचीत की तो समिति के प्रबंधक और सेल्समेन किसान को साफ-साफ धमकाते रहे। कमीशनखोरी और अधिक तौल को लेकर जब हमने प्रबंधक और सेल्समैन से बात करने की कोशिश की तो वे खरीदी केंद्र से दाएं बाएं हो गए।
इनका कहना
किसानों से अधिक तौल और प्रति कट्टी 8 रूपए तुलाई, सिलाई और पल्लेदारी लेने की जानकारी आप के माध्यम से मुझे लगी है। इस मामले की जांच करवाई जाएगी और इसमें जो भी दोषी है उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
चंद्र प्रताप गोहिल, एसडीएम सिहोरा