मध्यप्रदेश/जबलपुर : मध्यप्रदेश के जबलपुर में मौतों को लेकर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं। सरकारी हेल्थ बुलेटिन में सोमवार को 6 संक्रमितों की मौत बताई गई। लेकिन शहर के दो श्मशान घाट और रानीताल, बिलहरी कब्रिस्तान में सोमवार को कुल 76 संक्रमितों का अंतिम संस्कार हुआ। इसमें 20 शवों का अंतिम संस्कार मोक्ष संस्था और शेष नगर निगम ने किया। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के गणित विभाग के प्रोफेसर डॉ एस एस राणा का मेडिकल में इलाज के दौरान रविवार को मौत हो गई। वे एक सप्ताह से वहां भर्ती थी। कोरोना संक्रमित प्रोफेसर राणा का अंतिम संस्कार चौहानी मुक्तिधाम में हुआ।
इस से पहले जबलपुर से बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री अजय विश्नोई भी मौत के आकड़े छुपाए जाने को लेकर सवाल खड़े कर चुके हैं। दरअसल, हालही में सभी जिलों की क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रप की बैठक बुलाई थी। जिसमे अजय विश्नोई भी शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने जिला प्रशासन पर मौत का आकड़ा छुपाने के गंभीर आरोप लगाए थे।
उन्होंने प्रशासन से कहा कि यदि आप सच्चाई बताओगे तो लोग डरेंगे और कोरोना से बचने के सभी उपाय करेंगे। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि मेरे विधानसभा के मझौली क्षेत्र में एक व्यक्ति की कोरोना से मौत हो गई और उससे डर के वहां के लोग मास्क पहनने लगे। उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया कि वे सच्चाई से लोगों को रूबरू कराएं।
अजय विश्नोई द्वारा लगाए इस आरोप के बाद मुख्यमंत्री ने उन्हें टोका- अजय, सभी जिलों के साथ बात करना हैं। ऐसे में जरूरी सुझाव हों तो दें। इस पर विश्नोई ने ये तक कह दिया था की – यदि आप सच नहीं सुनना चाहते, तो मैं चुप हो जाता हूं।
मालूम हो कि मध्यप्रदेश के जबलपुर में कोरोना से हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। अस्पतालों में बेड सहित ऑक्सीजन की भारी कमी देखी जा रही हैं। इतना ही नहीं यहां ऑक्सीजन और बेड न होने के कारण मौत का आकड़ा भी लगातार बढ़ता जा रहा हैं। मिली जानकारी के अनुसार जिले में 50 सरकारी व निजी अस्पताल ऐसे है जहां बेड पुरे भर चुके हैं। ऐसे में नए मरीज़ो को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैं। वहीं, सरकार द्वारा लगातार छुपाए जा रहे मौत के आकड़े भी सवाल खड़े कर रहे हैं।