जबलपुर : जबलपुर में 1 अगस्त को दमोह नाका स्थित “न्यू लाइफ मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल” में हुए अग्निकांड में 8 लोगों की जान गई थी। जबकि कुछ घायल भी हुए थे। वहीं, इस मामलें में हाईकोर्ट में दायर एक याचिका पर इसकी सुनवाई जारी है, जिसपर हाईकोर्ट सख्ती बरत रहा हैं।
दरअसल, बुधवार को भी इस मामलें में हाईकोर्ट में सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने इस संबंध में चल रहीं जांच को लेकर नाराज़गी जताई। हाईकोर्ट ने नाराज़गी जाहिर करते हुए कहा कि अग्निकांड हादसे में जब अस्पताल के 6 संचालकों को आरोपी बनाया गया है तो फिर उन जिम्मेदार अधिकारियों को क्यों छोड़ दिया गया जिन्होंने अस्पताल को क्लीन चिट दी थी?
चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा कि पुलिस द्वारा की जा रही जांच और आरोपी बनाए गए समस्त व्यक्तियों की रिपोर्ट बन्द लिफाफे में अगली सुनवाई मे पेश करो। हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि सरकार को यह अंतिम अवसर दिया जा रहा है। यदि अगली सुनवाई में राज्य सरकार सन्तोषजनक जबाब नही दे पाती हैं तो स्वतंत्र जांच एजेंसी से जाँच करवाई जाएगी।
वहीं, अब इस मामलें में अगली सुनवाई 1 सितंबर को होगी।
इससे पहले हाईकोर्ट ने सोमवार को अस्पताल को क्लीन चिट देने वाले अधिकारियों पर एक्शन लिया है और राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए 2 दिन में शपथ पत्र पर जवाब मांगा था।
सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने अपने जवाब में हाई कोर्ट को बताया था कि जांच करने वाले दो डाक्टर डॉ एलएन पटेल और डॉ निषेद चौधरी को निलंबित कर दिया है जबकि तीसरे डॉ कमलेश वर्मा को शो कॉज़ नोटिस जारी किया गया है।
बहरहाल, बुधवार को हाईकोर्ट की सख्ती के बाद राज्य सरकार एक्शन में आई और आनन फानन मे कमिश्नर के नेतृत्व मे जांच कमेटी गठित कर दी और जबलपुर के 136 निजी अस्पतालों की जांच करने के निर्देश दिए।