MP में एक योजना के आवेदन में मृतक की मौत की तारीख 121 साल पहले दर्शाई, सुधार के लिए पत्नी हो रही परेशान
जबलपुर:–
एमपी के जबलपुर में एक अजब-गजब किस्सा सामने आया है। यहाँ एक विधवा को मुख्यमंत्री जनकल्याण योजना का लाभ पाने के लिए अधिकारियों के चक्कर काटने पड़ रहे है। दरअसल महिला के आवेदन में कम्प्यूटर ऑपरेटर ने उसके पति की मौत को 121 वर्ष पहले का दर्शा दिया है। इसकी वजह से उसे मुख्यमंत्री जनकल्याण योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
26 वर्षीय पीड़िता पर तीन बच्चों की परवरिश की जिम्मेदारी आन पड़ी है। वह आवेदन में हुई त्रुटि सुधरवाने अधिकारियों के चक्कर काटने को मजबूर है।
मामला नगर निगम जोन क्रमांक छह दमोहनाका से जुड़ा है। चण्डालभाटा दीनदयाल निवासी 26 वर्षीय सीमा चौधरी के मुताबिक उसके पति अजय चौधरी की बीमारी के चलते 16 नवंबर 2018 को मौत हो गई थी। पति की मौत पर उसने मुख्यमंत्री जनकल्याण योजना सहायता राशि का फार्म नगर निगम जोन क्रमांक-6 से भरा था। ऑनलाइन आवेदन में कम्प्यूटर ऑपरेटर ने उसके पति की मौत की तारीख वर्ष 1900 दर्ज कर दी। इसकी वजह से उसे मुख्यमंत्री जनकल्याण योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। पीड़िता पर तीन बच्चों की परवरिश की जिम्मेदारी आन पड़ी है। वह आवेदन में हुई त्रुटि सुधरवाने अधिकारियों के चक्कर काटने को मजबूर है।
पीड़िता का कहना है की उसके पति के निधन के बाद वह अकेली रह गई है। उस पर तीन बच्चों के पालन-पोषण की जिम्मेदारी है। उसने पति की अंत्येष्टि भी उधार के पैसों से की थी। मुख्यमंत्री जनकल्याण योजना सहायता राशि के लिए ये सोच कर आवेदन किया था कि इससे वह कोई छोटा रोजगार कर लेगी। लोगों के उधारी भी चुका देगी। पर वह दो साल से योजना का लाभ पाने के लिए भटक रही है। सहायता राशि के फार्म में हुई गलती को लेकर सीमा नगर निगम के चक्कर काटकर थक चुकी है।
सीमा के मुताबिक कम्प्यूटर ऑपरेटर द्वारा फार्म में हुई गलती को लेकर वो क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों सहित निगम के अधिकारियों को आवेदन दे चुकी है पर उसे कहीं से मदद नहीं मिली। अधिकारी उसे भोपाल से फार्म में सुधार होने का हवाला देकर भगा देते हैं।
नगर निगम जोन क्रमांक-6 के संभागीय अधिकारी सत्येंद्र चक्रवती के मुताबिक निगमायुक्त से लेकर भोपाल के श्रम विभाग को अवगत कराया जा चुका है। दो-तीन बार प्रयास भी किए गए, लेकिन हर बार पोर्टल लॉक हो जाता है।