MP: कांग्रेस < भ्रष्ट शिवराज, भाजपा > भ्रष्ट कमलनाथ, जनता, आखिर दोनों में से भ्रष्ट कौन ?


भोपाल :- कांग्रेस पार्टी के द्वारा प्रमुखता से बताया गया की विधानसभा उपचुनाव में बड़ी जीत दिलाने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ जी कल झाबुआ पहुंचे और 03 करोड़ 20 लाख के विकास कार्यों का भूमिपूजन / शिलान्यास किया।
वही इस अवसर पर कल मुख्यमंत्री कमलनाथ ने झाबुआ में कहाँ की जनता का विश्वास ही हमारी पूँजी है। सच्चाई का साथ देने के लिए झाबुआ की जनता का धन्यवाद। साथ ही CM ने झाबुआ उपचुनाव में कांग्रेस को विजयी बनाने के लिये झाबुआ के मतदाताओं और कांग्रेस कार्यकर्ताओं का हृदय से आभार भी व्यक्त किया। अब इस पर कांग्रेस पार्टी द्वारा भाजपा पर यह भी आरोप लगाया जा रहा है की झाबुआ की जनता ने बीजेपी के झूठ, फ़रेब और प्रपंच की पोल खोल दी है। मप्र में गायों को मिलने लगा आशियाना। साथ ही पार्टी द्वारा कहाँ जा रहा है की मप्र में कमलनाथ सरकार का एक वर्ष पूरा होने के पहले ही निराश्रित गायों को आशियाना उपलब्ध कराने का वचन पूरा होने लगा है। गाय हमारे लिये आस्था, सेवा और पूजा है, —बीजेपी के लिये राजनीति और वोट है..! तो वहीँ इस तरह से अपना फॉर्मूला और योजनाएं बताने के साथ ही साथ बीजेपी को घेरने का मौका भी कांग्रेस छोड़ना नहीं चाहती। 


इस तरह से मुख्‍यमंत्री कमलनाथ जी ने झाबुआ विधानसभा उपचुनाव में मिली ऐतिहासिक जीत पर झाबुआ की जनता और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को धन्यवाद दिया। जो कहते हैं, वो करते हैं, ऐसे हैं हमारे कमलनाथ।
मुख्यमंत्री कमलनाथ जी ने झाबुआ का दौरा कर उपचुनाव में कांतिलाल भूरिया जी को विजयी बनाने पर मतदाताओं एवं कांग्रेस कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त किया।साथ ही कांग्रेस पार्टी द्वारा यह प्रचार भी किया जा रहा है की झाबुआ में कांग्रेस को मिली प्रचंड जीत कांग्रेस के 10 महीनों के जनहितैषी कार्यों का जनता द्वारा समर्थन व प्रमाणीकरण है।
अब यह लेख पढ़कर आपके मन में यह सवाल आ रहा होगा की यदि प्रदेश में सब कुछ अच्छा व सुचारु रूप से चल रहा हैं। 
तो भला प्रमुख विपक्षी दल भाजपा को कांग्रेस सरकार के कार्य से भला तकलीफ क्या हैं ?
परन्तु खुद का रियल एजेंडा भला दोनों ही पार्टिया क्यों बताएंगी ?
आखिर दोनों को जनता की सेवा जो करनी हैं। 

खैर, मध्यप्रदेश व देश में पार्टियों के नेता आपस में भले ही कितने सहज हो परन्तु पार्टी का नाम व झंडा सामने आते ही एकाएक असहज हो जाते हैं। 
इसीलिए इसी तरह के जुबानी तीर भी सामने आते रहना लाजिमी हैं। बाकी जनता तो पिछले 70 साल से देखते ही आ रहीं हैं। 

 

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