प्रदेश के मंत्रियों की मिलीभगत और मनमानी से परेशान IAS अधिकारियों ने किया केंद्र का रुख़

प्रदेश के मंत्रियों की मिलीभगत और मनमानी से परेशान IAS अधिकारियों ने किया केंद्र का रुख़

राज्य में IAS अधिकारियों का कांग्रेस सरकार से मोहभंग हो रहा है जिसका भुगतान आने वाले वक्त में प्रदेश को भुगतना पड़ सकता है बता दें कि सरकार से निराश होकर, कई अधिकारी पहले ही केंद्र में जा चुके हैं, और कुछ अपने समकक्षों के अनुरूप चलने के लिए तैयार हो रहे हैं। जिन अधिकारियों को केंद्र के लिए अपदस्थ किया गया है, वे वहां प्रतिनियुक्ति पर जाने के लिए आवेदन करना शुरू कर चुके हैं। मप्र में कांग्रेस द्वारा सरकार बनाने के बाद, अतिरिक्त मुख्य सचिव आरएस जुलानिया, प्रमुख सचिव विवेक अग्रवाल, केसी गुप्ता और पंकज अग्रवाल पहले ही प्रतिनियुक्ति पर केंद्र जा चुके हैं।

आखिर केंद्र जाने की क्या है वजह

IAS अधिकारियों के प्रतिनियुक्ति पर केंद्र जाने का अहम कारण बजट की कमी और मंत्रियों का व्यवहार है। बता दें कि IAS अधिकारियों का मानना है कि राज्य के कई विभागों में नकदी की किल्लत है। नतीजतन, सरकार न तो पुरानी परियोजनाओं को चला सकती है और न ही नए लॉन्च कर सकती है। अफसरों को मुख्यमंत्री और मंत्री की मिलीभगत के गुस्से का सामना करना पड़ता है, क्योंकि विभिन्न परियोजनाओं के लिए धन की कमी बाधा बनती है। अधिकारी भी नाखुश हैं क्योंकि मंत्री उन पर अपना काम करवाने के लिए दबाव बढ़ा रहे हैं। मंत्रियों द्वारा स्थानांतरण पर प्रतिबंध के बावजूद, अधिकारियों को समनवे में पोस्ट करने के लिए प्रस्ताव भेजे जा रहे हैं। जिसकी वजह अधिकारी वर्तमान स्थिति में काम करने में असमर्थ हैं। हालांकि केंद्र के अधिकारी दबाव में हैं, लेकिन वे राज्य में वापस आने की इच्छा नहीं रखते हैं।

सवाल ये उठता है कि सरकार न तो जनता पर ध्यान दे पा रही है न तो अधिकारियों पर आखिरी सरकार प्रदेश की हालात कौन से मोड़ पर लाकर छोड़ना चाहती है,या फिर सरकार का मकसद राजनीति करना ही बच गया है और इसका भुगतान आम जनता अपनी जेब से करती रहेगी ?

 

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