स्टेट कमांड सेंटर का सहारनीय काम, बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में बचाई गई 10 हज़ार लोगों की जान, कॉल आते ही भेजी गई तत्काल मदद 

भोपाल : मध्यप्रदेश में हुई भारी बारिश के कारण कई जिलों में आई बाढ़ ने जमकर तबाही मचाई। ग्वालियर-चंबल संभाग में सबसे ज़्यादा बाढ़ का असर देखा गया। बाढ़ में कई बड़े पुल और मकान देह गए, जबकि हज़ारों लोगों को रेस्क्यू करके सुरक्षित स्थानों पर पंहुचाया गया। इसके अलावा जिन लोगों को किसी कारण रेस्क्यू नहीं कर पाए उन्हें हर संभव मदद पहुंचाने का काम स्टेट कमांड सेंटर द्वारा किया गया हैं।

बता दे कि स्टेट कमांड सेंटर को मॉनसून के स्वागत के साथ ही शासन-प्रशासन बाढ़ और अतिवृष्टि से निपटने के लिए तैयार किया गया है। इस सेंटर से प्रदेशभर में तैनात सभी टीमें कनेक्ट है। यह टीम एक कॉल पर तत्काल लोगों तक मदद पहुंचाती है। बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित जगह ले जाती है। हर संभव लोगों की मदद करती है।

कमांड सेंटर से जुड़े SDRF के 5500, होमगार्ड के 10000, NDRF के 300 जवान एक कॉल पर तत्काल मदद कर रहे हैं। 

राजधानी भोपाल में बनाया गया स्टेट कमांड सेंटर, हर रोज़ आ रहे 200 से ज़्यादा कॉल  

राजधानी भोपाल में होमगार्ड और स्टेट डिजास्टर इमरजेंसी रिस्पांस फोर्स ने मिलकर स्टेट कमांड सेंटर बनाया है। जानकारी के अनुसार स्टेट कमांड सेंटर के टोल फ्री नम्बर 1070, 1078 हैं। इन नम्बर पर बाढ़ जैसे कॉल आ रहे हैं। एक दिन में करीब 200 कॉल मदद और सहायता मांगने के लिए आते हैं। सबसे ज्यादा कॉल ग्वालियर चंबल संभाग से आ रहे हैं। 

तत्काल मदद के लिए भेजा जाता है टीम को 

इस सेंटर में टोल फ्री नंबर पर आने वाली सूचनाओं को जिला स्तर पर तैनात टीमों को भेजा जाता है। ये सूचना मैसेज के जरिए कलेक्टर, एसपी, आपदा से जुड़े तमाम प्रशासनिक अधिकारियों और एसडीईआरएफ की टीमों के सदस्यों के मोबाइल पर भेजी जाती है। पहले से तैनात टीमें शहरों में पांच मिनट के अंदर और शहरों में भौगोलिक स्थिति के हिसाब से तत्काल रिस्पांस करती हैं।

10 दिनों में 10 हजार लोगों की बचाई गई जान 

इस कमांड सेंटर की मदद से पिछले 10 दिनों में करीब 10 हजार लोगों की जान बचाई गई है। लोगों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया जा रहा है। कॉल सेंटर की सूचना पर PC, DC, QRT औऱ डिजास्टर रिस्पांस सेंटर की टीमें तत्काल मदद पहुंचाती है।

1 लाख वॉलेन्टियर्स की तैनाती, 300 से ज़्यादा बनाए गए सेंटर 

कमांड सेंटर से सीधे सूचना जिले में तैनात इमरजेंसी ऑपरेटिंग टीम (EOC), डिजास्टर रिस्पांस सेंटर(DRC), क्विक रिस्पॉन्स टीम (QRT) को भेजी जाती है। प्रदेश के चिन्हित 300 से ज्यादा स्थानों पर डिजास्टर रिस्पांस सेंटर बनाए गए हैं। रेस्क्यू के लिए सिविल डिफेंस के 1 लाख वॉलेन्टियर्स की तैनात भी है।

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