मध्य प्रदेश के नेता काम करते हुए दिखे या ना दिखे लेकिन फीता काटते हुए जरूर नजर आ जाएंगे। 10 साल दिग्विजय सिंह मुख्यमंत्री रहे, 15 साल शिवराज सिंह मुख्यमंत्री रहे, परंतु हमारे राज्य के बच्चों की दशा जस की तस बनी रही। दोनों ने बड़े-बड़े वादे किए पर काम जमीन पर किसी ने नहीं किया। शिवराज सिंह का नाम तो घोषणा किंग रख दिया गया था। योजना पर योजना चलाई गयीं, पर किसी को समय ना था कि जाकर देखा जाए कि धरातल पर योजनाओं का लाभ मिल रहा है या नहीं। शिवराज कि अब सरकार नहीं है अब है कमलनाथ की सरकार, तो जिम्मेदारी कमलनाथ और उनके मंत्रियों की है। तो चलिए बात करते हैं मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था से संबंधित। क्या हाल है मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था का ? और कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में क्या क्या वादे किए थे ? और कितने पूरे किए ?
अपने वचन पत्र में कुपोषण एवं शिशु मृत्यु दर को कम करेंगे। साथ ही मातृ मृत्यु दर को भी काम करेंगे एवं टीकाकरण की उचित व्यवस्था करेंगे। तो स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट जी क्या आप राज्य की जनता को बताएंगे कि आपने अभी तक कुपोषण को दूर करने के लिए क्या किया ?
मातृ मृत्यु दर में कितनी कमी लाई ? शिशु मृत्यु दर को कितना कम किया ? एवं टीकाकरण कितना हुआ ? चलिए अगर आप नहीं बताएंगे तो हम बताते हैं मध्यप्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल
21 बड़े राज्यों में मध्य प्रदेश शिशु मृत्यु दर में नंबर वन पर है और इसका कारण है टीकाकरण और कुपोषण। आपको बता दें की मध्य प्रदेश में 1000 बच्चों में 32 बच्चे 29 दिन के पहले और 55 बच्चे अपने जीवन का पांचवा साल नहीं देख पाते हैं। नवजात शिशु के लिए स्वास्थ्य बच्चों का तय मानक 25 सौ ग्राम रखा गया है मध्य प्रदेश में 15 फ़ीसदी यानी कि 100 में से हर सातवां बच्चा कमजोर वजन का पैदा होता है। स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट शायद इस आकड़े के बारे कुछ कहें। क्योंकि यह आंकड़े स्वास्थ्य विभाग की पोल खोल रहे हैं। स्वास्थ्य सेवा की बदहाली और संस्थागत प्रसव भी एक बड़ा कारण है। 5 साल से पहले बच्चों की मृत्यु दर ज्यादा होने के पीछे आयोग ने कुपोषण, संस्थागत प्रसव, डॉक्टर का अभाव, टीकाकरण की कमी को बताया है। कैग की रिपोर्ट ने सरकार की खिंचाई भी की है, लेकिन फिर भी स्थिति जस की तस बनी हुई है। शायद स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट अपनी सरकार द्वारा किए गए वादों को भूल गए हैं, कोई उन्हें अपनी सरकार के वचन पत्र में कुपोषण और स्वास्थ्य को लेकर किए गए वादों को याद दिलाए। अगर स्वास्थ्य बच्चे ही नहीं पैदा होंगे तो फिर प्रदेश कैसे आगे बढ़ेगा। कमलनाथ सरकार महिला सुरक्षा में फेल होती नजर आ रही है। शिक्षा में भी फेल, स्वास्थ्य विभाग में तो पूरी तरह से सरकार विफल नजर आ रही है स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट जी आप कहते नजर आ रहे हैं कि हम स्वास्थ्य व्यवस्था को सुचारु कर रहे हैं। सुचारु कहाँ कर रहे हैं क्योकि अभी हाल ही में श्योपुर में 6 बच्चे अस्पताल मृत पाए गए। क्या यही आपकी सुचारु व्यवस्था है। मध्यप्रदेश के जो आंकड़े आ रहे हैं उसको देखकर कहीं आपकी स्वास्थ्य व्यावस्था नजर नहीं आ रही है। जनता आपसे उम्मीद करती है कि आप उन्हें उनके स्वास्थ्य का ख्याल रखेंगे। आपसे हम सभी उम्मीद करते हैं की जो आंकड़े हैं उन्हें आप बदलने का प्रयत्न करेंगे। क्योकि ये आंकड़े बहुत ही भयावह हैं।