मध्यप्रदेश/ग्वालियर : बाढ़ की चपेट में आए भिंड, मुरैना, दतिया, गुना, शिवपुरी, ग्वालियर व श्योपुर से अब तक 6,918 लोगों का रेस्क्यू किया जा चुका है। इसमें सबसे ज्यादा मुरैना में 2 हजार 338 लोगों को एयर फोर्स, एनडीआरएफ व एसडीआरएफ ने बचाया है। अब तक कुल 27 हजार 830 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
बता दे कि चंबल-ग्वालियर क्षेत्र में आई बाढ़ से 25 हजार हेक्टेयर से ज्यादा फसल चौपट हो गई हैं। 25 हजार से ज्यादा मकान गिर गए हैं। नुकसान का यह प्रारंभिक आंकलन हैं। अब भी 15 गांव पानी से घिरे हैं, जबकि 276 गांव में पानी उतर गया हैं।
राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी ने शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय (आपदा प्रबंधन विभाग) को पत्र भेजा है, पत्र में जानकारी दी गई है कि ग्वालियर और चंबल संभाग में बहुत ही कम समय में हुई मूसलधार बारिश ने बड़े पैमाने पर क्षति पहुंचाई है।
केंद्र सरकार को भेजे पत्र में कहा गया है कि राज्य आपदा राहत कोष से इस साल एक अप्रैल से 5 अगस्त बीच 576 करोड़ रुपए व्यय किए जा चुके हैं। अब इस कोष में 1364 करोड़ रुपए शेष है। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए यह राशि बाढ़ प्रभावितों को राहत पहुंचाने के लिए अपर्याप्त है, इसलिए केंद्र इस मद से ज्यादा से ज्यादा फंड उपलब्ध कराए।
पत्र में इस बात की भी जानकारी दी गई के भारी बारिश के कारण चंबल, सिंध, पार्वती, कूनो, सीप और क्वारी का पानी भी खतरनाक स्तर पर पहुंच गया। बाढ़ के कारण श्योपुर, शिवपुरी, मुरैना, गुना, ग्वालियर, दतिया, भिंड जिले की बहुत सी बस्तियों और गांवों को खाली कराकर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
इधर, राज्य शासन ने बाढ़ से हुए नुकसान के मूल्यांकन के लिए केंद्र सरकार से तुरंत अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम भेजने का अनुरोध किया है। इसके साथ ही विभाग कुल नुकसान का आंकलन करने के लिए मैदानी सर्वे कर आंकड़े भी जुटा रहा है।