मध्यप्रदेश/भोपाल – मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के प्रावधान में बदलाव हो सकता हैं। जानकारी के मुताबिक, आयकर भरने वाले और गरीबी रेखा से ऊपर वालों को योजना से बाहर किया जा सकता हैं। राज्य सरकार योजना के पात्रता नियम बदलने की तैयारी कर रही हैं। जिसके प्रस्ताव जल्द कैबिनेट में आ सकता हैं। योजना के तहत दो ही मुहूर्त देने का भी प्रस्ताव हैं। बता दें कि मु्ख्यमंत्री विवाह-निकाह योजना में हर साल तकरीबन 50 हजार शादियां होती हैं। हालांकि 2020 में कोरोना और लॉकडाउन के कारण इस स्कीम में कोई भी शादी नहीं हो पाई।
इधर, कन्या विवाह योजना में बदलाव को लेकर कांग्रेस ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं। पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि सरकार को कन्याओं में भेद नहीं करना चाहिए। क्या कन्यापूजन के कार्यक्रम से भी इनकम टैक्स देने वाली कन्याओं के परिवार को बाहर करेंगे। वहीं, सीएम शिवराज के विधायकों को पीए रखने में सावधनी बरतने की बात पर पीसी शर्मा ने कहा पीए और पर्सनल स्टाफ की निष्ठा पर सवाल उठाना सही नहीं हैं। सभी अधिकारी-कर्मचारी ईमानदारी से ही काम करते हैं।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह-निकाह योजना से अब आयकरदाता और एपीएल (जो गरीबी रेखा से ऊपर वाले) बाहर होंगे। इसके लिए राज्य सरकार इस योजना की पात्रता शर्तों को बदलने जा रही हैं। इसके साथ ही विवाह-निकाह के 9 बड़े मुहुर्त मिलने के बजाय अब दो ही मुहुर्त दिए जाएंगे। जिसमें सामूहिक विवाह-निकाह होगा। सूत्रों का कहना है कि इसके लिए सामाजिक न्याय विभाग ने तैयारी कर ली हैं।
सरकार जल्द ही कैबिनेट मंजूरी के बाद इसे लागू कर देगी। यह योजना 2021-22 के लिए होगी।