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मुनाफाखोरी में जुटी सरकारी कंपनियां, पेट्रोल 8 रुपए और डीजल 7 रुपए होगा सस्ता? 

नई दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रमों के चलते कच्चे तेल की कीमतों में कमी आनी शुरू हो गई है। क्रूड नवंबर के 80.64 डॉलर के मुकाबले दिसंबर में 73.30 डॉलर/प्रति बैरल रहा। यदि अगर अब कंपनियां दाम घटातीं तो पेट्रोल 8 रुपए और डीजल 7 रुपए/लीटर सस्ता होता। लेकिन, जब दाम घटाने की बारी आई तो सरकारी कंपनियां लोगों को राहत देने के बजाए मुनाफाखोरी में जुट गईं।

तेल कंपनियों IOCL, BPCL और HPCL के सितंबर तिमाही के नतीजों को देखें तो इनका कर पूर्व मुनाफा प्री-कोविड लेवल से 20 गुना तक बढ़ा है। IOCL का मुनाफा सितंबर-2019 में 395 करोड़ था, जो सितंबर 2021 में 8370 करोड़ रुपए हो गया।

बता दे कि सरकारी तेल कंपनियों की मुनाफाखोरी एक बार फिर आम आदमी की जेब पर भारी पड़ रही है। हालांकि, दिवाली से ठीक पहले केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 5 रुपए/ लीटर, जबकि डीजल पर 10 रुपए/लीटर घटाई थी। केंद्र के बाद कई राज्यों ने भी वैट घटाया था। जिसके बाद पेट्रोल-डीज़ल के दामों में कमी आई थी। 

वहीं, अभी पेट्रोल-डीज़ल के दाम स्तर है। बीते लंबे समय से इनके दाम नहीं बढ़ाए गए है, जो फ़िलहाल आम आदमी के लिए राहत की बात है, लेकिन अभी भी पेट्रोल के दाम 100 के पार बने हुए है। 

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