मध्यप्रदेश : जबलपुर में हुई आगजनी घटना के बाद भोपाल के अस्पतालों में अब फायर-इलेक्ट्रिक सेफ्टी की जांच के आदेश
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 400 से अधिक छोटे-बड़े अस्पताल, फायर के साथ इलेक्ट्रिक सेफ्टी की होगी जांच
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 400 से अधिक छोटे-बड़े अस्पताल हैं। जिनमें से लगभग 225 के पास टेम्प्रेरी NOC है। बाकी के अस्पतालों के पास प्रोविजनल NOC है। आगजनी की 90 प्रतिशत घटनाएं शॉर्ट सर्किट के कारण अंजाम देती हैं। अब से फायर के साथ इलेक्ट्रिक सेफ्टी को भी देखा जाएगी।
वहीं, अस्पतालों द्वारा प्रोविजनल के बाद टेम्प्रेरी NOC क्यों नहीं ली गई है, नगर निगम द्वारा इसका भी सर्वे किया जाएगा । इसके मद्देनजर टीमें हकीकत जानने में जुटेंगी । जबलपुर में अस्पताल में हुई आगजनी की घटना से फायर सेफ्टी की पोल खुल गई है।
गौरतलव है कि इसी प्रकार की एक घटना भोपाल में भी पिछले साल घटित हो चुकी है, उस समय प्रदेश के सबसे बड़े हमीदिया अस्पताल के चिल्ड्रन वार्ड में आग लगी थी और कई नवजात जिंदा आग में झुलस गए थे।
हाल ही में जबलपुर में हुई घाट के बाद से भोपाल में एक बार फिर से अस्पतालों में आग से निपटने के इंतजामों पर ध्यान दिया जाने लगा है। इसके मद्देनजर भोपाल के सभी सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटलों में फायर लेखा परिक्षण किया जाएगा। इससे हकीकत सामने आएगी । बुधवार के दिन अपर आयुक्त कमलेंद्र सिंह परिहार द्वारा फायर ऑफिसरों की बैठक हुई है और अस्पतालों की जांच के आदेश जारी किए गए हैं ।
वहीं, अब अस्पतालों में फायर के साथ-साथ इलेक्ट्रिक सेफ्टी पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इसी के साथ अस्पताल में आग लगने के बाद उसे बुझाने के इंतजाम कितने उपलब्ध इसका विश्लेषण किया जाएगा और आग लगने के कारण क्या हो सकते हैं इस पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा। साथ ही फायर लेखा परिक्षण में आग बुझाने के उपकरण भी देखे जाएंगे। इसके तहत अपर आयुक्त परिहार ने कहा है कि सभी अस्पताल इलेक्ट्रिक पैनल सही तरीके से रखें। वायर बेहतर और कवर्ड होने चाहिए । उनकी समय-समय पर फायर सेफ्टी लेखा परिक्षण करवाते रहें ।