सिर्फ किसानों पर FIR क्यों?? क्या भाजपा नेताओं की रैली है "कोरोना प्रूफ"… किसानों पर महामारी एक्ट क्यों?? जनता मांगे जवाब
सिर्फ किसानों पर FIR क्यों?? क्या भाजपा नेताओं की रैली है “कोरोना प्रूफ” किसानों पर महामारी एक्ट क्यों?? जनता मांगे जवाब
द लोकनीति डेस्क:गरिमा श्रीवास्तव
बीते 26 नवंबर से किसान कृषि बिल को लेकर आंदोलन कर रहे हैं और यह आंदोलन अभी भी लगातार जारी है.. सरकार की तरफ से प्रस्ताव दिया गया था पर किसानों ने सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है और इसके साथ ही उन्होंने यह घोषणा भी की है कि अगर उनकी मांगों को नहीं माना गया तो यह आंदोलन और भी बड़ा रूप लेगा.
12 दिसंबर यानि कल किसानों ने आंदोलन को लेकर कुछ अलग प्लान किया है.
इसके साथ ही अपनी मांगों को लेकर उन्होंने यह बात भी कही है कि अगर उनकी सारी मांगे पूरी नहीं होती है और कृषि बिल नहीं खत्म किया जाता है तो देश भर की ट्रेनों को वह रोक देंगे..
और अब किसानों पर महामारी एक्ट लगाकर पुलिस ने एफ आई आर दर्ज करना भी शुरू कर दिया है. जिसके बाद अब जनता सरकार से सवाल कर रही है कि जब भारतीय जनता पार्टी की रैलियां होती है और उसमें हजारों की तादाद में भीड़ जुटाई जाती है तो क्या उन पर f.i.r. नहीं बनता है..
आखिर नेता मंत्री के लिए सरकार के दूसरे रूल्स और जनता के लिए दूसरे रूल्स क्यों हैं..
बता दें कि दिल्ली पुलिस ने सिंघु बॉर्डर की रेड लाइट पर आकर प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ महामारी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है. प्राथमिकी में किसानों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने का आरोप लगाते हुए महामारी एक्ट और अन्य धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं. ये किसान 29 नवम्बर को लामपुर बॉर्डर से जबरन दिल्ली की सीमा में घुस आए थे और सिंघु बॉर्डर की रेड लाइट पर धरने पर बैठ गए थे, तब से अब तक वहां किसान ऐसे ही रोड ब्लॉक कर बैठे हैं. 7 दिसम्बर को भी पुलिस ने अलीपुर थाने में किसानों के खिलाफ FIR दर्ज की थी.
जनता के लिए दूसरे नियम जनप्रतिनिधि के लिए दूसरे नियम:-
पर मध्य प्रदेश में उपचुनाव के दौरान नेताओं ने जमकर रैली की और कोरोना के नियमों की खूब धज्जियां उड़ाई. पर उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई पर दूसरी तरफ किसानों ने जब धरना प्रदर्शन किया तो पुलिस ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया… यह कहां का न्याय है..
अब जनता सरकार से जवाब मांग रही है. आखिर कब तक शोषण किया जाएगा,..??