नई दिल्ली : मशहूर मैनेजमेंट गुरु और धोखाधड़ी ,फर्जी डिग्री और फर्जी प्लेसमेंट का पर्याय बन चुके आईआईपीएम कालेज के संचालक अरिंदम चौधरी को दिल्ली पुलिस ने छात्रों को धोखा देने और फर्जी डिग्री बांटने के अलावा करोडो रूपये की टेक्स चोरी के आरोप में गिरफ्तार कर दिल्ली के न्यायालय में पेश किया अदालत ने बीते शुक्रवार को 14 दिन के लिए जेल भेज दिया। उनके साथ आईआईपीएम के दूसरे निदेशक गुरुदास मलिक ठाकुर को भी इसी अपराध के आरोप में गिरफ्तार कर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। इसके साथ ही उनके पिता मलयेंद्र किशोर चौधरी के खिलाफ भी इस मामले में केस दर्ज किया गया है।
अरिंदम चौधरी और उनके संस्थान आईआईपीएम के खिलाफ यूजीसी (यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन) ने शिकायत दर्ज कराई थी। यूजीसी आरोप है कि चौधरी अपने संस्थान आईआईपीएम के जरिए छात्रों को धोखा दे रहे हैं, यूजीसी के मुताबिक चौधरी का संस्थान किसी भी नियामक संस्था से मान्यता प्राप्त नहीं है।
IIPM को डिग्री देने का अधिकार नहीं
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच में दर्ज कराई गईअपनी शिकायत में यूजीसी ने कहा है कि अरिंदम चौधरी का संस्थान इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ प्लानिंग एंड मैनेजमेंट (आईआईपीएम) के पास मैनेजमेंट की डिग्री देने का अधिकार नहीं है क्योंकि यह संस्थान इसके लिए मान्यता प्राप्त नहीं है। इसके बाद से आईआईपीएम में अंडरग्रैजुएट और पोस्टग्रैजुएट प्रोग्राम के तहत दाखिला लेने वाले बच्चों के भविष्य पर भी सवाल उठ गए हैं।
इन छात्रों से आईआईपीएम ने 22 महीने के कोर्स के लिए 5 लाख से 20 लाख तक की फीस वसूली हैं। अरिंदम टीवी पर समाज को बदलने का आह्वान करते हैं। इन्हें अर्थशास्त्री के रूप में भी प्रोजेक्ट किया जाता है।
अरिंदम ने जिन कंपनियों के माध्यम से धोखाधड़ी की है वो मैनेजमेंट एजुकेशन, कन्सल्टिंग, ह्यूमन रिसोर्सेस और मीडिया हैं। इनमें से भी सबसे अधिक धोखाधड़ी के कारनामो को उन्होंने अपने फर्जी कालेज मैंनेजमेंट एजुकेशन इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ प्लानिंग एंड मैनेजमेंट (IIPM) से अंजाम दिया। इन कंपनियों से उन्हें तकरीबन 550 करोड़ के आसपास का राजस्व हासिल होता है। इनसे से इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ प्लानिंग एंड मैनेजमेंट (IIPM) ने अकेले ही 2011 की रिपोर्ट के मुताबिक 349 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त किया। आईआईपीएम में हर साल 3500 स्ट़डेंट एडमिशन लेते हैं और IIPM के ताज़ा विज्ञापन के अनुसार प्रत्येक स्टूडेंट से 14.75 लाख से 18.75 लाख तक की कोर्स फीस वसूली जाती है।
विज्ञापन पर किया सबसे ज्यादा खर्च
फर्जी IIPM कालेज ने विज्ञापनों पर किया भारी खर्च किया फर्जी कालेज के विज्ञापनों पर खर्च करने के मामले में देश की कई बड़ी कंपनियों को पीछे छोड़ दिया। लगभग 600 करोड़ का राजस्व हासिल करने वाली कंपनी ने इनकम टैक्स से बचने के लिए घाटा दिखाया। कंपनी ने भारी-भरकम राशि विज्ञापनों को खर्च करने का हवाला दिया। अखबारों में आईआईपीएम के फुलपेज विज्ञापन दिए गए। 2008-09 में IIPM ने 202 करोड़ रुपए के रेवेन्यू में से 120 करोड़ विज्ञापन में खर्च किए।
चौधरी पर बैलेंसशीट में हेराफेरी का आरोप है
पिछले कई सालों से अरिंदम के मैनेजमेंट इंस्टिट्यूट IIPM ने यह झूठे दावे किए हैं कि विदेशों में उसका कई यूनिवर्सिटीज़ के साथ टाइअप है और वह अपने स्टूडेंट्सि को वहां जॉब प्लेसमेंट उपलब्ध करवाते हैं।
चौधरी और उनकी दिल्ली स्थित कंपनी व अन्य शहरों तथा विदेशों में स्थित उनकी संपत्तियों की जांच भी शुरू कर दी गई है। वह वित्तीय अनियमिताओं के चलते ऐसे ही कई मामलों में सुर्खियों में आते रहे हैं।