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Corona Virus : आखिर कैसे भागेगा यह कोरोना ,कैसे हो रहा है अभी संक्रमितों का ईलाज ?

Bhopal Desk 

सदी के महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग दुनिया को आने वाले तीन बड़े खतरों से सचेत करते हुए आने वाले 100 साल बड़े ही कठिनाई के बताये थे। पहला खतरा परमाणु वॉर , दूसरा खतरा बायलॉजिकल वॉर फेयर और तीसरा खतरा ग्लोबल वार्मिंग आज जो दुनिया के सामने *कोरोना* वायरस नामक संकट आ गया है। यह वायरस प्रथम दृष्टि में बायलॉजिकल वॉर फेयर के तहत प्रयोगशाला में तैयार किया गया एक वायरस प्रतीत होता है।जो कि धोखे से या जानबूझकर चीन की प्रयोगशाला से लीक हो गया या कर दिया गया यह जांच का विषय है। और जब तक वैज्ञानिक इसका *एंटीडोट* नही खोज पाये थे। और इसने पूरी दुनिया मे तबाही मचा दी । 

 

RNA में स्थान बनाता है कोरोना

 विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना वायरस Rna(रायबो न्यूक्लिक एसिड में वायरस प्रवेश करता है। और उसमें अपना घर बना लेता है। और इन्क्यूबेशन की अवधि पूरी होने पर यह विस्फोटक तौर पर शरीर मे फैल जाता है।और शरीर पर इसके दुष्प्रभाव दिखने लगते है। 

प्राणायाम और योग से बढ़ेगी इम्युनिटी

कोरोना वायरस के दुष्प्रभाव को वह लोग मात देने में सफल हुए जिन लोगो के शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) अच्छी थी। प्राणायाम और योग के माध्यम से मानव शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी पावर ) बढ़ाने में काफी कारगर सिद्ध हुई है।

कैसे हो रहा है इलाज़

कोरोना वायरस ने अभी तक दुनिया भर के 195 देशों में संक्रमण के जरिये अपने पैर पसार लिये है । और दुनिया भर के 21 हजार के लगभग लोगो को मौत की नींद सुला चुका है। दुनियाभर के वैज्ञानिक डॉक्टर दिन रात इसका एंटीडोट खोजने में लगे है । कोरोना वायरस का संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में बड़ी ही आसानी फैलता है। इसलिए सरकारों ने जनता कर्फ्यू और ब्रेक डाउन के माध्यम से लोगो को सोशल दूरी बनाने के लिए अपील जारी की जा रही है। दुनियाभर के डॉक्टर कोरोना वायरस के मरीजों को आयसुलेशन में रखकर सिमटोमैटिक ट्रीटमेंट देकर ही उनका ईलाज कर रहे है। जिन लोगों की रोगप्रतिरोधक क्षमता(इम्यूनिटी) अच्छी है। वह लोग कोरोना वायरस से ठीक हुए है । 

क्यों किया गया lockdown

देश में कोरोना वायरस के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। इस बीच एहतियातन पूरे देश को तीन हफ्तों के लिए लॉक डाउन कर दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि अगर देश को 21 दिनों के लिए लॉक डाउन नहीं किया तो हम 21 साल पीछे चले जाएंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि 21 दिनों के लॉक डाउन का फैसला बहुत सोच-समझकर और एनालिसिस के बाद लिया गया है, ताकि वायरस को भी फैलने से रोका जा सके और अर्थव्यवस्था पर भी इसका कम से कम प्रभाव पड़े।विशेषज्ञों का कहना है कि लॉक डाउन का मुख्य उद्देश्य अगले 21 दिनों के अंदर वायरस के प्रसार को फैलने से रोकना है और ऐसे मरीजों की पहचान करना है जो पहले से संक्रमित हैं, लेकिन उनका पता नहीं लग पाया है। अगर लॉक डाउन का कड़ाई से पालन किया गया तो संभव है कि सभी मरीजों का पता लगाया जा सके और वायरस के ट्रांसमिशन को रोका जा सके। विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वायरस का इनक्यूबेशन पीरियड (वायरस से संक्रमित होने और लक्षण दिखने का समय) 7 से 14 दिनों का है। अधिकतर मरीजों के शरीर में संक्रमित होने के 7 दिन  से 14 दिनों के अंदर लक्षण दिखना शुरू हो जाते है।

ये Quarantine क्या बला है

क्वारंटीन शब्द इटली की मातृभाषा ग्रीक से लिया हुआ शब्द है । क्वारंटीन का मतलब होता है किसी ख़ास क्षेत्र के बाहर से आए किसी भी जीवित व्यक्ति या पशु को अलग स्थान पर रखना। ताकि उसके साथ अगर कोई इन्फेक्शन या बैक्टेरिया/वायरस आए हैं तो उन्हें फैलने से रोका जा सके।उनके लक्षणों पर नजर रखी जा सके और संबंधित व्यक्ति का इलाज किया जा सके। ख़ासतौर पर जब वो व्यक्ति या जानवर ऐसे इलाके से आया हो जहां किसी तरह का संक्रमण फैला हो।

आइसोलेशन को भी समझे
इसमें संक्रमित व्यक्ति को अलग कमरे में रखा जाता है और दूसरे लोगों से दूरी बनी रहती है। जब तक बहुत जरूरी न हो कोई भी उस कमरे में नहीं जाता है। कोरोना से संक्रमित व्यक्ति को आइसोलेशन वार्ड में ही रखकर  डॉक्टर एक विशेष वायरस से सुरक्षा प्रदान करने वाली ड्रेस पहनकर ही उनका इलाज करते है।

अनुशासित रहिये दूसरों को भी रखिये

कोरोना के कहर के बीच चीन में अपनी चिकित्सीय सेवाये देने वाले भारतीय मूल के डॉ,संजीव चौबे ने बताया कि भारत के लोगो को 3 बातों पर अमल करने के बेहद आवश्यकता है। पहली जनता को अनुशासन में रहते हुए भीड़ भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचना होगा सोशल डिस्टेंस बनाना बेहद जरूरी है । तभी जिस उद्देश्य से सरकार ने लॉक डाउन किया है उसमें सफलता मिलेगी। दूसरा व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी की फेक news से बचना होगा । तीसरी बात साफ सफाई का विशेष ध्यान रखते हुए सरकार द्वारा दिये दिशा निर्देशों का पालन करना । अगर इन तीनो बातों पर अमल किया गया । तो हम कोरोना जैसे संकट पर काबू पा लेंगे

असहाय मज़दूरों को सहायता

सरकार ने विदेशों में फंसे नागरिकों को एयरलिफ्ट करके विदेश से तो वापस ले आये लेकिन जो गरीब मजदूर महानगरों में दिहाड़ी मजदूरी करके अपने परिवार का पेट पालता था। और ब्रेक डाउन के कारण महानगरों में फंस गया है। और आवागमन का कोई साधन न होने की वजह से सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलने को मजबूर है सरकारों को ऐसे लोगो को चिन्हित करके उनके वापस घर जाने और उनके खाने पीने की व्यवस्था कराने की भी जरूरत है। 

 

आज देश मे  केंद्र और राज्य सरकारों ने गरीब मजदूर वर्ग के परिवारों को इस आपदा की परिस्थिति राहत देते हुए कई एलान किये भी है। कई सामाजिक संस्थाओं राजनीतिक पार्टियों द्वारा उनके भोजन की व्यवस्था भी कराई जा रही है। जिसे आगे भी सुचारू बनाये रखने की जरूरत है।

(वरिष्ठ पत्रकार आलोक हरदेनिया केे कलम से)

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