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गुटबाज़ी : दिग्गी राजा और अरुण यादव ने बनाई दूरी, कमलनाथ से किया किनारा, बड़े विस्फोट की तरफ अग्रसर

भोपाल : गुरुवार को मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ और प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक ने एक बड़ी बैठक आयोजित की थी। इस बैठक में जिला अध्यक्ष-जिला प्रभारी को शामिल होने के निर्देश दिए गए हैं। लेकिन इस बैठक में कांग्रेस के कद्दावर नेता दिग्विजय सिंह और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव जैसे वरिष्ठ नेता शामिल नहीं हुए। जो इस समय प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है। 

हालांकि, कांग्रेस ने कहा कि दिग्विजय सिंह और अरुण यादव के शामिल नहीं होने की हाईकमान को जानकारी थी। लेकिन सवाल ये उठा कि यदि जानकारी थी तो फिर बैठक में दोनों के नाम की कुर्सियां क्यों लगी थी?

मालूम हो कि साल 2023 में होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारी में जुटी कांग्रेस इस समय घर चलो घर घर चलो अभियान चला रही है। अभियान की समीक्षा और कांग्रेस को मजबूती देने जैसे महत्वपूर्व मुद्दों पर चर्चा के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ और प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक ने ये बैठक बुलाई थी। लेकिन कांग्रेस में कितनी गुटबाजी है इसका प्रमाण तब देखने को मिला जब प्रदेश कार्यालय में दिग्विजय सिंह और अरुण यादव जैसे वरिष्ठ नेता  इस बैठक में नहीं पहुंचे। 

इधर, मौके की नजाकत को भाजपा ने लपक लिया। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं प्रदेश प्रवक्ता डॉ हितेश बाजपेई ने एक वीडियो शेयर करते हुए पार्टी पर करारा तंज कसा।  उन्होंने ट्वीट किया “मै कमलनाथ जी को चुनौती देता हूं कि वे हर हाल में 25 फरवरी तक या तो अरुण यादव और दिग्विजय सिंह के घर होकर आएं (घर चलो अभियान के तहत) या फिर प्रदेश अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा दे दें। 

डॉ हितेश बाजपेई ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा की : आज भी दिग्विजय सिंह, अरुण यादव और सुरेश पचौरी जी को कमलनाथ ने या तो इज्ज़त से नहीं बुलाया या फिर उन्होंने कमलनाथ से किनारा कर लिया ! कांग्रेस एक बड़े विस्फोट की तरफ अग्रसर !

बहरहाल, अब मामला कुछ भी लेकिन दिग्विजय सिंह और अरुण यादव जैसे दिग्गजों की अहम् बैठक से दूरी प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गई है।

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