ढीमरखेड़ा / राजेन्द्र चौरसिया की रिपोर्ट :- ढीमरखेड़ा में जनपद सीईओ केके पाण्डेय की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गयी है|
कांग्रेस मंडल अध्यक्ष ने की विधायक से शिकायत, कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आते ही ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए जो भी योजनाएं बनाई थी, वह सारी योजनाएं ढीमरखेड़ा में विफल होती नजर आ रही हैं।
यहां पदस्थ जनपद सीईओ केके पाण्डेय के द्वारा लगातार लापरवाही की जा रही है|
अपनी पदस्थापना के बाद से ही यह अधिकारी महोदय समय पर कभी भी कार्यालय नहीं आए।
अधिकारी से मिलने दूर-दराज से आने वाले ग्रामीण क्षेत्र की गरीब जनता थक हार कर निराश भाव से घर लौट जाती है|
गत दिवस जिला सामान्य सभा की बैठक में जनपद अध्यक्ष कन्हैया तिवारी ने भी सीइओ पाण्डेय के खिलाफ सीधे आरोप भी लगाए थे|
की आखिर क्यों तीन बार बिजलेंस में ट्रेप होने के बाद भी ऐसे भ्रष्ट अधिकारी को दो-दो जगह का प्रभार जिले के अधिकारियों के द्वारा कैसे सौपा गया है ?
यह जाँच का विषय हैं ,कटनी कलेक्टर व जिला पंचायत सीईओ कटनी को इस मामलें में गंभीरता से संज्ञान लेना चाहिए।
वर्तमान में ढीमरखेड़ा क्षेत्र के भी कुछ मामले ऐसे हैं:- जो गांव – गांव, गली-गली चर्चा का विषय बने हुए हैं :-
आइए इसे बिंदुवार तरीके से जानने की कोशिश करते हैं :-
- 1 ) पहला मामला 4 नवंबर को जिला पंचायत सीईओ जगदीश चंद्र गोमे ने गूंड़ा ग्राम पंचायत सचिव राकेश साकेश को निलंबन की कार्रवाई और परसेल रोजगार सहायक प्रदीप पटेल की सेवा समाप्ति करने का आदेश दिया था, लेकिन सांठगांठ कर जिला सीईओ के आदेश का पालन नहीं किया गया |
- 2 )दूसरा मामला जुलाई माह में प्रतिबंधित होने के बावजूद मनरेगा योजना के तहत मस्टररोल निकलवा कर काम करवाया गया और बाद में पंचायतों की शिकायत कर जांच करवा कर लेनदेन किया जा रहा है|
- 3 ) तीसरा मामला स्वकराधान योजना के तहत जनपद की 12 पंचायतों में राशि आने के बाद जिन पंचायतों में जनपद सीईओ का लेनदेन नहीं हो पा रहा उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है जबकि शेष पंचायतों में भी ऐसी ही स्थिति है घुघरी और महनेर ग्राम पंचायत में राशि निकालने के बाद कार्यवाही ना होना अपने आप में सवालिया निशान खड़े करती है
- 4 ) चौथा मामला ग्राम पंचायत पिपरिया शुक्ल के सचिव सरपंच ने जुलाई माह में जिला पंचायत सीईओ से पूर्व रोजगार सहायक अजय कोरी की शिकायत कर फर्जी तरीके से मस्टररोल निकालने की शिकायत की जनपद सीईओ ने कूट रचना कर दोषी को बचाकर शिकायतकर्ता सचिव के खिलाफ ही कार्रवाई कर दी|
- 5 ) पांचवां मामला ग्राम पंचायत सगौना में पदस्थ रोजगार सहायक सरमन सिंह को झूठे आरोप लगाकर सेवा समाप्ति की कार्रवाई कर दी जबकि रोजगार सहायक से जो लेनदेन की बात हुई थी उस पर रोजगार सहायक ने अधिकारी की लेन-देन की बात को पूरा नहीं किया तो कार्रवाई की गई|
- 6 ) छठवां मामला निजी ऑपरेटर की पोस्टिंग करा कर मनमाने तरीके से आदेश बनाए जाते हैं और सचिव सरपंच और रोजगार सहायकों पर दबाव बनाया जा रहा है| अब इन छह मामलों की गंभीरता को यदि देखा जाए तो यह प्रश्न उठना लाजमी है की इन अधिकारी महोदय को आखिर किसकी शह प्राप्त थी और किन महोदयों की कृपा से यह अब तक इस पद पर अंगद की तरह जमे हुए हैं , तीन बार लेन देन मामले को लेकर लोकायुक्त की कार्यवाही होने के बाद आखिर कैसे इन्हें जनपद सीईओ जैसे महत्वपूर्ण पद की कमान सौंपी गयी है ? वहीँ अधिकारी की इस मनमानी के संबंध में ढीमरखेड़ा कांग्रेस मंडल अध्यक्ष ओंकार शर्मा ने विधायक विजय राघवेंद्र बसंत सिंह से शिकायत कर अधिकारी की मनमानी के संबंध में अवगत भी कराया है|
वहीँ इस मामलें में जब बड़वारा विधायक बसंत सिंह ने मामले की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा कर समस्या का निराकरण कराने का आश्वासन दिया है |अब देखना बड़ा ही दिलचस्प व महत्वपूर्ण होगा की कटनी में बैठा जिला प्रशासन इस महत्वपूर्ण अव्यवस्था व अधिकारी की गंभीर अनियमितता के मामलें पर अपना क्या निर्णय लेता हैं।