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दमोह : क्या गुज़री होगी उस बेटे पर जो अपनी मां के शव को ठेले पर ले गया… ये कैसा सिस्टम हैं?

मध्यप्रदेश/दमोह – मध्यप्रदेश के दमोह जिले से एक दिल देहलादेने वाली तस्वीर सामने आई है, जिसमें एक बेटा अपनी माँ के शव को हाथ ठेले पर ले जाने पर मजबूर हैं। 

बताया जा रहा है कि जिले के पथरिया नगर के वार्ड नंबर 6 में रहने वाली रितिका उर्फ कलावती विश्वकर्मा की हालत गंभीर होने के कारण उन्हें उनका बेटा और परिजन स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे थे। लेकिन स्वास्थ्य केंद्र में इलाज नहीं मिला। नतीजा ये हुआ कि मां की अस्पताल में ही मौत हो गई।

मां की मौत के बाद बेटा अपनी माँ के शव को घर ले जाने घंटों एम्बुलेंस का इंतजार करता रहा। लेकिन जब एंबुलेंस नहीं मिली तो थक हारकर वो हाथ ठेले पर माँ के शव को रखकर घर तक ले गया।

परिजनों का कहना है कि प्राइवेट एंबुलेंस से बात की तो उसने महज 2 किलोमीटर तक शव ले जाने के 5 हजार रुपयों की मांग कर दी। आर्थिक तंगी की वजह से प्राइवेट एंबुलेंस का खर्च नहीं उठा सकते थे। इसलिए थक हारकर बेटा और परिजन हाथ ठेले पर ही शव लेकर घर लौट आए।

परिजनों का आरोप है कि महिला की हालत गंभीर थी बावजूद इसके डॉक्टरों ने कोई उपचार नहीं किया और यही कारण है इलाज के अभाव में महिला की दर्दनाक मौत हो गई। उनका आरोप है कि घंटों तक वह अस्पताल में डॉक्टर का इंतजार करते रहे। कुछ देर बाद डॉक्टरों ने यह कहकर भगा दिया कि वह कोविड-19 केयर सेंटर में अपनी सेवाएं दे रहे हैं जिसके चलते मरीज का इलाज नहीं कर पाएंगे। नतीजा महिला की मौत। 

बता दे कि ये पहली तस्वीर नहीं है जब कोई परिजन हाथ ठेले पर शव ले जाने को मजबूर हुआ हो। इस से पहले गुना के अलावा भी कई जिलों से भी ऐसी ही तस्वीरें सामने आ चुकी है जहां परिजन लोडिंग ऑटो तक मे शव को ले जाने पर मजबूर हैं। 

 

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