पूर्व मंत्री जयंत मलैया का छलका दर्द, जल्द जाएंगे दिल्ली JP Nadda सहित आला नेताओं से करेंगे मुलाकात, गरमाई सियासत
मध्यप्रदेश/दमोह : दमोह विधानसभा उपचुनाव में पार्टी की हार के बाद ठिकरा जयंत मलैया और उनके परिवार पर फोड़ दिया गया हैं। उनके बेटे सिद्धार्थ को पार्टी ने निलंबित कर दिया है और जयंत मलैया को कारण बताओ नोटिस दिया गया हैं। जिससे जयंत मलैया बेहद आहत हैं।
दरअसल, 2 मई को दमोह सीट पर हुए उपचुनाव के नतीजे घोषित किए गए जिसमें कांग्रेस के उम्मीदवार अजय टंडन को भारी मतों से जीत हासिल हुई। अजय टंडन ने बीजेपी के राहुल लोधी को 17089 मतों से पराजित किया।
चुनाव हारने के बाद राहुल लोधी ने हार के लिए पूर्व मंत्री जयंत मलैया को जिम्मेदार ठहराया हैं। उन्होंने कहा कि मलैया परिवार ही मूल रूप से चुनाव हराने का जिम्मेदार हैं। मलैया जी के पास पूरे शहर की जिम्मेदारी हैं। हम उनके वार्ड से भी हार गए। राहुल लोधी ने इसपर कार्यवाही करने की मांग की थी।
वहीं, शुक्रवार को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने जयंत मलैया को कारण बताओ नोटिस जारी किया।
कारण बताओ नोटिस मिलने के बाद जयंत मलैया का दर्द खुलकर सामने आया हैं। उनका कहना है कि पार्टी की 41 साल सेवा के बाद इस तरह से कारण बताओ नोटिस मिलना उनके लिए बेहद दर्दनाक बन गया हैं।
उन्होंने इस बारे में पार्टी के कई नेताओं से बात की है और उन्हें यह सलाह दी गई है कि केंद्रीय नेतृत्व से जाकर दिल्ली में अपना पक्ष रखें। अब मलैया जल्द दिल्ली जाएंगे और जेपी नड्डा (JP Nadda) सहित कई आला नेताओं के सामने अपनी बात रखेंगे।
इस से पहले राहुल लोधी के आरोपों पर जवाब देते हुए जयंत मलैया ने कहा था कि सिर्फ मेरा बूथ नहीं हारी भाजपा। राहुल लोधी खुद अपना वार्ड हार गए। केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जहां रहते हैं, वह वार्ड हार गए। जिला पंचायत और नगर पालिका अध्यक्ष का वार्ड भी हार गए। अब हार का ठीकरा किसी पर तो फोड़ना था, तो मुझ पर और मेरे बेटे पर फोड़ दिया। शिवराज जी हार की जिम्मेदारी तो लेंगे नहीं।
मलैया ने कहा कि हार का ठीकरा मुझ पर इसलिए फोड़ा गया है, क्योंकि मेरी केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल से बनती नहीं है। उन्होंने राज्यसभा सांसद की सभा में मुझे और गोपाल भार्गव को पूतना (छलकपटी) कहा था। सभा में ही उन्होंने कह दिया था कि लड़ना है, तो मुझ से लड़ो, उससे (राहुल लोधी) क्यों लड़ रहे हो? इससे माहौल ज्यादा खराब हो गया। उन्हें सार्वजनिक मंच से ऐसा नहीं कहना था।