मध्यप्रदेश/ इंदौर(Indore) -: कोविड-19 (Covid-19 ) का कहर जुलाई(July) माह में अपने चरम पर होने की आशंका जताई जा रही है। इस दौरान मध्य प्रदेश(Madhya Pradesh) में पॉजिटिव मरीजों की संख्या लगभग 84 हजार पहुंचने की बात कही जा रही है। स्वास्थ्य विभाग ने इस संकट से लड़ने के लिए प्रदेश भर के 2621 निजी अस्पतालों की सूची तो तैयार कि है, परन्तु इनमें इलाज का कितना इंतजाम है, इसकी तरफ किसी का ध्यान ही नहीं है। हालत यह है कि जिस इंदौर (Indore)में मरीजों की संख्या लगभग 13,438 तक पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है, उसके 328 निजी अस्पतालों में बस 157 वेंटिलेटर है, स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर ही भरोसा करें तो प्रदेश के 10 जिले ऐसे हैं, कि निजी अस्पतालों में एक भी वेंटिलेटर(Ventilator) नहीं है। इसके अलावा 19 जिलों में कुल वेंटिलेटरों की संख्या 5 भी नहीं है। ऐसे में हम कोरोना(Corona) से जंग कैसे जीतेंगे।
संसाधन ही नहीं, इलाज करने वाले डॉक्टर और आइसीयू(ICU) में काम करने वाले प्रशिक्षित स्टाफ की भी एक बड़ी समस्या बनकर सामने खड़ी है। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि इस परिस्थिति से लड़ने के लिए हमें प्रदेश में ढाई-ढाई हजार पीजी मेडिसिन और पीजी एनेस्थिसिया (जूनियर डॉक्टर) की आवश्यकता है, परन्तु इतनी बड़ी संख्या में जूनियर डॉक्टर हैं ही नहीं। इसके अलावा पैरामेडिकल स्टाफ, नर्सिंग स्टाफ की भी जरूरत पड़ेगी।
इन सब जिलों में नहीं है एक भी वेंटिलेटर
मंदसौर, दमोह, दतिया, मंडला, मंदसौर, पन्ना, राजगढ़, सतना, सीधी, सिंगरौली व उमरिया
यहा पर 5 वेंटिलेटर भी नहीं
खंडवा, आगर, आलीराजपुर, अशोक नगर, छतरपुर, छिंदवाड़ा, डिंडोरी, गुना, ग्वालियर, झाबुआ, खंडवा, मुरैना, नरसिंहपुर, नीमच, रायसेन, सीहोर, सिवनी, शाजापुर, टीकमगढ़, विदिशा।
भोपाल में हैं 225 से ज्यादा वेंटिलेटर
इंदौर के मुकाबले भोपाल(Bhopal) के निजी अस्पताल ज्यादा सुविधाओं से लैस हैं। वहां के निजी अस्पतालों में 225 से ज्यादा वेंटिलेटर हैं, और इंदौर के निजी अस्पतालों में सिर्फ 157 है। वेंटिलेटर के लिहाज से प्रदेश में तीसरे नंबर पर जबलपुर(Jabalpur) है। यहाँ के निजी अस्पतालों में 83 वेंटिलेटर हैं।