सभी खबरें

कांग्रेस ने सिंधिया को "भूमाफिया" कहा,तो महाराज का पलटवार "300 साल पुरानी रियासत है हमारी,जवाब तो नए-नवेले राजाओं से माँगा जाए"। 

कांग्रेस ने सिंधिया को “भूमाफिया” कहा,तो महाराज का पलटवार “300 साल पुरानी रियासत है हमारी,जवाब तो नए-नवेले राजाओं से माँगा जाए”। 

  • सिंधिया ने राजनीति की भाषा में दिग्गी राजा को लिया आड़े हाथ 
  • कांग्रेस ने पार्टी छोड़ने के बाद सिंधिया पर हमला करने के लिए अवैध कब्जे के आरोप लगाए और भू -माफ़िया भी कहा 
  • सिंधिया ने एक साथ कांग्रेस के कई नेताओं पर निशाना साधते हुए कांग्रेस पर पलटवार किया

द लोकनीति डेस्क भोपाल 
उपचुनाव के क़रीब आते ही मध्यप्रदेश के राजनैतिक बादलों की बरसात शुरू हो चुकी है और नेताओ की बयानबाजी रूपी बादल जमकर बरस रहे है खैर चुनाव आते -आते शायद फ़ट भी जायेंगे हालाँकि मौसम में कुछ ठंडक जरूर महसूस हो रही है लेकिन यदि बात राजनीति की करें तो यहां बीजेपी -कांग्रेस के बड़े नेताओं की बयानबाजी में गर्म माहौल जरूर महसूस हो रहा है। अब पुरे देश में यूँ ही तो नहीं कहा जाता MP अजब -ग़जब है क्योंकि मौसम में ठंडक तो आ गई है  लेकिन मध्यप्रदेश की राजनीति में गर्मी आ चुकी है। अब गर्मी कितनी बढ़ेगी ये तो वक़्त और दिग्गज नेता ही बतायंगे। 

जब कांग्रेस ने ग्वालियर के महाराज सिंधिया को कहा -भू माफ़िया 


कांग्रेस द्वारा भू-माफिया बताए जाने पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कांग्रेस के बड़े नेताओं पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा- मेरी संपत्ति 300 साल पुरानी है। सवाल मैं उन लोगों से करना चाहता हूं जो नए-नए महाराज बने हुए हैं। हां, मैं एक परिवार विशेष में पैदा हुआ हूं तो क्या यह मेरी गलती है। यदि मेरी गलती है, तो मैं इसको स्वीकार करता हूं। जवाब वे दें, जो नए-नए राजा बने हैं।

कांग्रेस ने सिंधिया पर लगाए हैं गंभीर आरोप

कांग्रेस के आरोप हैं कि माहोरकर के बाड़ा पर सिंधिया परिवार के द्वारा अवैध कब्जा किया गया है। इसके अधिकांश हिस्से को बेच दिया गया। जो हिस्सा बचा है, उस पर अवैध निर्माण कर किराया वसूली की जा रही है। इस संपत्ति की कीमत लगभग 360 करोड़ रुपए बताई जाती है।

आरोप- सिर्फ कब्जे के लिए कमलनाथ से मिलते थे

राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के बाद से ही वे कांग्रेस के निशाने पर हैं। कांग्रेस सिंधिया को भू माफिया साबित करने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है। बड़े नेता तक उन पर हमला कर चुके हैं। अब आरोप लगाया जा रहा है कि सिंधिया केवल जमीन के सिलसिले में कमलनाथ से मिलते थे।

कांग्रेस शासनकाल में ही मिली जमीन

तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा सिंधिया एजुकेशन सोसाइटी को 146 एकड़ भूमि 99 साल के लिए 100 रुपए टोकन मनी पर लीज पर दी गई। कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने सिंधिया को अपने निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा कि सिंधिया जब भी पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिलते थे, तो उनके पास ग्वालियर या इस अंचल से जुड़े कोई विकास कार्य का मुद्दा नहीं होता था।

केवल सिंधिया ट्रस्ट के नाम जमीन नामांतरण और अपने पसंदीदा अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग का मसला ही होता था। उन्होंने कहा कि जब पूर्व मुख्यमंत्री मंत्री कमलनाथ ने सिंधिया के जमीन नामांतरण के कार्यों को करना बंद कर दिया, तो वह अपने 22 विधायकों के साथ पार्टी से अलग हो गए।

बीजेपी ने किया पलटवार

बीजेपी ने पलटवार किया है। पार्टी का कहना है कि कांग्रेस को यह समीक्षा करनी चाहिए कि आखिर किस नियम के तहत उन्होंने यह जमीन सिंधिया ट्रस्ट को दी है। यदि गलत नियमों के चलते यह जमीन दी गई होगी, तो निश्चित तौर पर मध्य प्रदेश सरकार द्वारा गठित मंत्री समूह की समिति इस पूरे मामले की जांच भी करेगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि  यह कहना मज़ाक होगा क्योंकि महराज सिंधिया के पास कोई कमी थोड़ा है वे पुराने रजवाड़े से आते है 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Back to top button