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सोशल मीडिया में व्यस्त सीएमओ को वार्डों की दुर्दशा की फिक्र नही

वार्ड 12 में कीचड़- गंदा पानी से बजबजा रहा रास्ता

सिहोरा/ नगर की नवीन कालोनियों की स्थिति बेहद बुरी बारिश के दिनों में पैदल चलना किसी मुसीबत का सामना करने से कम नही है। लगातार विरोध प्रदर्शन करने और शिकायतों के बाद भी कोई राहत कार्य नही किये गए हैं जबकि हालात यह है कि रास्तों में गन्दा पानी भरा रहता है और वाहनों की आवाजाही से यहाँ गलियां कीचड़ भरी हो जाती हैं जिनमे छोटे बच्चे स्कूल के लिए नही निकल पाते हैं । वहीं नगर पालिका की सीएमओ महोदया को लोगों की परेशानी से कुछ लेना देना नही और छोटे से छोटे कार्य की एवं बैठक की फ़ोटो सोशल मीडिया में अपलोड कर वाहवाही लूटने में व्यस्त रहती हैं।

          सिहोरा – खितौला के बीच वार्ड नं 12 में बनी कलोनी में बारिश के दिनों पानी भरने से यहां के निवासियों सहित नौनिहाल स्कूली बच्चों को भारी मुसीबतों का सामना करते हुए रास्ते पर भरे घुटने से पानी से होकर स्कूल या अपनी जरूरतों के लिए निकलना पड़ रहा है लेकिन नगर पालिका अध्यक्ष सहित कोई पार्षद या जनप्रतिनिधि समस्या को जानने के बाद भी विगत कई वर्षों से न तो सड़क, नाली बनबा पाया है और न ही कोई कारगर इंतजाम कर पाए हैं जिसका खामियाजा कालोनी वासी भर रहे हैं।

ज्ञात हो कि लगभग सभी मकानों के डायवर्शन हो चुके हैं। वहीं नगरपालिका के द्वारा बीते सालों में जिन वार्डों में नाली पहले से थी उन्ही को तोड़कर पुनः निर्माण कराया गया और कुछ रंगमंच आदि के ही निर्माण हुए हैं जबकि सिहोरा नगर विकास के नाम पर अधूरा ही रहा है जिसमे नगर पालिका का कभी ध्यान नही गया। वहीं इसी वर्ष नगर में पेयजल की कुछ वार्डो में भीषण समस्या थी। वार्ड नं 12 की इस कलोनी की बात की जाए चुनाव के समय भी यहां के रहने वाले लोगों बैनर लगाकर “रोड नही, तो वोट नही” की बात बोलकर विरोध किया था जिसके बाद भी नगर पालिका के प्रतिनिधियों के कान में जूं तक नही रेंगी है जिसकी वजह से हालात जस के तस बने हुए हैं।

 

जनप्रतिनिधियों की अनदेखी से कलोनी में बाढ़ जैसे हालात

वाहवाही लूटने सोशल मीडिया में क्रियाशील

          जबकि यहां पर बने मकानों से नगर पालिका कर भी वसूल रही है लेकिन सुविधाओं के नाम पर कालोनीवासियों को सिर्फ ठेंगा ही मिल है । वही अगर बात की जाए तो जनप्रतिनिधियों के द्वारा चुनाव के समय यहां पर पहुंच लोगों को मतदाता सूची में जुड़वाकर सिर्फ वोट पाने तक कि लालसा रहती है उसके बाद यहां की समस्याओं से नगरपालिका अध्यक्ष और अधिकारियों को कुछ लेना देना नही होता, भले ही वह कितनी स्थितियों में रहें। वही नगर की सीएमओ हमेशा हर छोटे से कार्यक्रम और बैठक या फिर उनकी कोई खबर का प्रकाशन हो जाता है तो उसकी कटिंग की पोस्ट ही करती नजर आती हैं । लेकिन वास्तविकता से उन्हें कोई मतलब नही होता कि नगर की समस्याओं को हल कैसे किया जाए।

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